Edited By Kalash,Updated: 13 Dec, 2025 10:47 AM

जालंधर में अंडरग्राऊंड गैस पाइपलाइन डालने के चलते सड़कों पर हो रही खुदाई ने शहरवासियों की परेशानी बढ़ा दी है।
जालंधर (खुराना): जालंधर में अंडरग्राऊंड गैस पाइपलाइन डालने के चलते सड़कों पर हो रही खुदाई ने शहरवासियों की परेशानी बढ़ा दी है। शहर पहले ही वाटर सप्लाई प्रोजैक्ट के तहत टूटी सड़कों से जूझ रहा था और अब गैस पाइपलाइन प्रोजैक्ट शुरू होने से कई जगह नई खुदाई शुरू हो गई है। इसी को देखते हुए मेयर वनीत धीर ने गैस पाइपलाइन डालने का काम तत्काल प्रभाव से रुकवा दिया और संबंधित अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
ड्रिलिंग से टूट रहे वाटर, सीवर और टेलीकॉम कनैक्शन
गैस कंपनी द्वारा सड़कों के किनारों पर अंडरग्राउंड पाइप डालने के लिए ड्रिलिंग तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। इसके तहत जहां बड़े-बड़े गड्ढे खोदे जा रहे हैं, वहीं अंडरग्राऊंड ड्रिल कई लाइनों को नुकसान पहुंचा रही है। इसी ड्रिलिंग के कारण कुछ दिन पहले गौतम नगर, बस्ती बावा खेल के पास कोहिनूर इंडिया प्राइवेट लि. के सामने सीवरेज की मुख्य लाइन टूट गई, जिसके बाद गंदा पानी पूरी गली और आसपास के इलाके में फैल गया। कई फैक्ट्री परिसरों में भी यह पानी घुस गया, जिससे नुकसान और भारी परेशानी पैदा हुई।
कोहिनूर इंडिया के मालिक निपुण जैन द्वारा फोन पर बात किए जाने के बाद मेयर वनीत धीर तुरंत मौके पर पहुंचे और करीब एक डेढ़ घंटे तक स्थिति का जायजा लिया। साईट विजिट के दौरान मेयर ने संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और स्पष्ट निर्देश दिए कि फिलहाल गैस पाइपलाइन डालने का काम तुरंत रोका जाए, पूरी घटना की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए और भविष्य में किसी भी लाइन को नुकसान न हो, इसके लिए कड़े प्रबंध किए जाएं।
मेयर का कहना है कि काम भले ही पूर्व अनुमति के तहत चल रहा हो, लेकिन जिस तरह से कंपनी लापरवाही बरत रही है, उससे नगर निगम की छवि खराब हो रही है। सूत्रों के अनुसार, मेयर के निर्देशों के बाद मौके पर चल रहा गैस पाइपलाइन डालने का काम रोक दिया गया है।
फिलहाल सिर्फ मेन सड़कों के किनारे खुदाई की परमिशन
नगर निगम अधिकारियों ने गैस कंपनी को इस समय केवल शहर की मेन सड़कों के किनारे पाइपलाइन डालने की अनुमति दी है। लेकिन माना जा रहा है कि गैस पाइपलाइन को शहर के लगभग हर घर तक पहुँचाना है, ऐसे में भविष्य में शहर की लगभग हर सड़क और हर गली की खुदाई होगी। इसके चलते आने वाले कई सालों तक जालंधर के लोगों को टूटी और उखड़ी सड़कों की परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
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