Edited By Urmila,Updated: 05 Feb, 2025 11:40 AM
ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सैंटर नजदीक बस स्टैंड में स्टाफ की कमी के कारण लाइसैंस बनाने में आ रही दिक्कतें एक बड़ा मुद्दा बन चुकी हैं।
जालंधर: ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सैंटर नजदीक बस स्टैंड में स्टाफ की कमी के कारण लाइसैंस बनाने में आ रही दिक्कतें एक बड़ा मुद्दा बन चुकी हैं। पिछले करीब 2 महीनों पहले स्मार्ट चिप कंपनी का ठेका माननीय हाईकोर्ट द्वारा रद्द कर देने के बाद नई कंपनी एम टेक ने कार्यभार संभाल लिया है। अब लंबे समय से कंपनी का काम पटरी पर न आ पाने का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है और उनके लिए लाइसैंस बनवाना भी एक जंग जीतने के बराबर हो चुका है।
सैंटर में आवेदकों की तादाद के मुकाबले स्टाफ काफी कम है, जिस कारण लाइसेंस प्रक्रिया पूरी कराने को लेकर आवेदकों को घंटो कतारों में खड़े रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। हालांकि जहां एक ओर टैक्नोलॉजी ने प्रक्रिया को सरल और तेज बनाया है, वहीं दूसरी ओर पर्याप्त स्टाफ और संसाधनों की कमी से ट्रांसपोर्ट विभाग इस प्रणाली का पूरा फायदा नहीं उठाया जा रहा।
ऑटोमेटेड ड्राइविंग टैस्ट सैंटर से जुड़े कार्यों में, जैसे ड्राइविंग टैस्ट, डॉक्यूमैंट वेरिफिकेशन और टैस्ट रिजल्ट का प्रोसेसिंग जैसे काम स्टाफ की कमी के कारण करने में खासा समय लग रहा है, जिस कारण परेशान आवेदकों में ट्रांसपोर्ट विभाग और पंजाब सरकार की कार्यशैली के खिलाफ आक्रोश लगातार बढ़ रहा है।
वहीं लाइसेंस बनवाने आए सन्नी, रोहित, जसवीर, रमन व अन्यों ने बताया कि वह लोग सुबह 10 बजे से सेंटर में लाइसेंस बनवाने को आए हुए हैं, परंतु 1 बजने वाला है और उन्हें लाइनों में खड़े रहकर अपनी बारी के आने का इंतजार करने को मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अब लंच टाइम के कारण काम करीब 1 घंटा फिर से रुक जाएगा जिस कारण लगता है कि शाम तक ही उनका काम निपट पाएगा।
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