कार में जिंदा जलने की घटनाओं पर होगी गहन स्टडी, एक सप्ताह में 7 लोग गंवा चुके है जान

Edited By Tania pathak,Updated: 21 Nov, 2020 10:16 AM

in depth study will be done on burning incidents in the car

वाहनों में आग लगने व यात्रियों के जिंदा जलने जैसी घटनाओं की मोटर व्हीकल एक्ट की सैक्शन 135 के तहत स्टडी करने के लिए कहा है...

चंडीगढ़ (रमनजीत सिंह): पिछले एक सप्ताह के दौरान दो बड़ी घटनाओं ने पंजाब के हर बाशिंदे के मन में दहशत जरूर भरी है। यह दोनों घटनाएं हैं सुनाम में हादसे के बाद कार में सवार 5 दोस्तों का जिंदा जल जाना और दूसरी है होशियारपुर के वकील व उनकी सहयोगी की ऐसे ही कार में जलकर हुई दर्दनाक मौत। हालांकि दोनों ही घटनाओं की स्थानीय पुलिस द्वारा जांच की जा रही है लेकिन इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए पंजाब पुलिस के ट्रैफिक विभाग ने गहन स्टडी करनी शुरू कर दी है। 

इसके अलावा इसी माह के दौरान चंडीगढ़ घूमने पहुंचे गुरदासपुर के एक 17 वर्षीय युवक को भी ऐसे ही हादसे में जान गंवानी पड़ी। वहीं कीरतपुर साहिब के पास एक पुलिस अधिकारी की कार को चलते समय आग लग गई लेकिन समय रहते किए गए प्रयास की वजह से जानी नुक्सान से बचाव रहा। पंजाब पुलिस के ट्रैफिक विंग द्वारा ऐसी ही घटनाओं की जांच के काम में रोड सेफ्टी, मोटर व्हीकल एक्सपर्ट, टैक्नीकल एवं मैकेनिकल विशेषज्ञों की सहायता लेकर विस्तृत जांच की जा रही है। साइंटिफिक तरीके से महत्वपूर्ण हर पहलू पर की जाने वाली इस स्टडी के आधार पर ही पंजाब पुलिस का ट्रैफिक विंग आगे कदम बढ़ाएगा। 

स्टडी के बाद ही आगे बढ़ेंगे : ए.डी.जी.पी. चौहान
पंजाब में सड़क हादसों में हर वर्ष होने वाली मौतों को कम करने के लिए जुटे हुए पंजाब पुलिस के ए.डी.जी.पी. (ट्रैफिक) डा. शरद सत्य चौहान का कहना है कि उन्होंने वाहनों में आग लगने व यात्रियों के जिंदा जलने जैसी घटनाओं की मोटर व्हीकल एक्ट की सैक्शन 135 के तहत स्टडी करने के लिए कहा है। ऐसी घटनाओं के पीछे मुख्य कारण क्या रहे और उनके लिए सहायक माहौल कैसे बना, पैसेंजर्स के पास कितना रिएक्शन टाइम था और क्या ऐसे हादसों में कोई कॉमन वजह थी? ऐसे ही कई सवालों के जवाब ढूंढने व उनका अध्ययन करने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। उम्मीद है कि एक महीने के भीतर टीम द्वारा अपनी जांच व स्टडी रिपोर्ट दे दी जाएगी और उसके बाद ही तय होगा कि किन-किन चीजों को रैगुलराइज करने की जरूरत है। 

रोड सेफ्टी से लेकर मैकेनिकल, कुछ भी हो सकता है कारण: नवदीप
पंजाब में रोड सेफ्टी के लिए तैनात एडवाइजर नवदीप असीजा ने कहा कि ताजा घटनाएं दुखदाई हैं और इनकी वजहें तलाशने का काम शुरू कर दिया गया है। असीजा ने कहा कि अभी जांच बिल्कुल ही शुरूआती दौर में है इसलिए कुछ भी सटीक नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह जरूर है कि वाहन में आग लगने का कारण ईंधन की लीकेज और स्पार्क से जुड़ा है, क्योंकि बिना चिंगारी के आग नहीं जल सकती। गाड़ी की वायरिंग से भी हो सकती है और कई बार पैसेंजर द्वारा की जा रही स्मोकिंग से भी। ओवर स्पीड ऐसे हादसों के मुख्य कारणों में शुमार हो सकती है। 

स्कूल वैन में जिंदा  जल गए थे मासूम
संगरूर जिले के लोंगोवाल के नजदीक इसी वर्ष फरवरी में हुए एक दर्दनाक हादसे में 4 मासूमों की स्कूल वैन में लगी आग ने जिंदगियां ले ली थीं। हादसे ने पूरे पंजाब को दहलाकर रख दिया था। यही वो घटना थी जिसके बाद राज्य सरकार के परिवहन विभाग ने युद्ध स्तर पर स्कूल वैन चैकिंग का अभियान चलाया था और सैंकड़ों स्कूल वाहनों को कंडम हालत या नियमों के विपरीत सड़कों पर दौड़ते पाया गया था।

बचाव के लिए यह बन सकते हैं साधन
हालांकि अभी इन घटनाओं की स्टडी की जानी है और इनकी वजहों का पता लगाया जाना है, लेकिन माहिरों का कहना है कि कुच्छेक ऐसी बातें हैं, जो ऐसे हादसों में जिंदगियां बचाने में बहुत सहायक सिद्ध हो सकती हैं। मालेरकोटला में इंद्रजीत मोटर्स के मालिक व कारों के इंजन कंट्रोल मॉड्यूल (ई.सी.एम.) के विशेषज्ञ इंद्रजीत सिंह कहते हैं कि मॉडर्न व्हीकल्स कई तरह के सैंसरों से लैस होते हैं और कई सिस्टम ऑटोमैटिकली ऑप्रेट होते हैं। कई बार पैसेंजर सेफ्टी फीचर्स भी खतरे का कारण साबित होते हैं, मिसाल के तौर पर हादसे के वक्त एयरबैग पैसेंजर व ड्राइवर सेफ्टी के लिए खुलते हैं लेकिन कार में आग लगने जैसी घटना के दौरान यही एयरबैग पैसेंजर के रिएक्शन टाइम को बढ़ा देते हैं और उनके कार से निकलने में बाधा भी बनते हैं। 

कार का सैंटर लॉकिंग सिस्टम भी सुविधा के लिए है लेकिन सर्किट ब्रेक होने पर यह घातक साबित हो सकता है। हादसे के वक्त कई बार कार में सवार लोग चोट की वजह से या बेहोशी की वजह से अंदर फंस सकते हैं और सैंटर लॉकिंग सिस्टम सहायता के लिए पहुंचे लोगों को घायलों तक पहुंचने में बाधा बन जाता है। ऐसा भी होता है कि हादसे के बाद हल्की चोट लगने के बावजूद कई बार लोग हड़बड़ाहट की वजह से कार से बाहर नहीं निकल पाते और सैंटर लॉक की वजह से उन्हें समझ नहीं आता कि कैसे बाहर निकलें। इंद्रजीत कहते हैं कि कार में सफर करने वाले हर पैसेंजर को यह ध्यान में रखना चाहिए कि सैंटर लॉक सिस्टम फेल होने की स्थिति में यदि जोखिम बहुत अधिक हो तो कार सीट्स पर लगे हैड-रैस्ट निकालकर उनके स्पाइक्स से शीशा तोड़ कर बाहर निकला जा सकता है।  

इन बातों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए
वाहन के आधिकारिक ईंधन के प्रकार से छेड़छाड़ न की जाए। लागत कम करने के लिए अनधिकृत तरीके से गैस किटें फिट न करवाई जाएं। यात्रा करते समय वाहन के भीतर धूम्रपान की मनाही के नियम का उल्लंघन न किया जाए। वाहन के भीतर अनधिकृत व अनावश्यक मोडिफिकेशन न करवाई जाए। म्यूजिक सिस्टम जैसी आम मोडिफिकेशन भी वायरिंग में स्पार्क के खतरे को कई गुणा तक बढ़ा देती है। हादसे के वक्त यदि जरूरी हो तो किसी भी नुकीली चीज, हैड रैस्ट के सरिए वगैरह से शीशा तोड़कर बाहर निकलने का रास्ता बना लिया जाए।

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