Edited By Vatika,Updated: 19 Sep, 2023 08:06 AM

वीडियो में एक अन्य व्यक्ति लॉरैंस बिश्नोई के साथ दफ्तरी कुर्सी पर बैठा दिख रहा है।
चंडीगढ़: जेल विभाग पंजाब ने सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो को भ्रामक और बेबुनियाद बताया है और कहा कि इस वीडियो का राज्य की किसी जेल से कोई संबंध नहीं है। इस संबंध में आई.जी. (जेल) रूपकुमार अरोड़ा ने स्पष्टीकरण जारी किया है।
मीडिया ने 17 सितम्बर-2023 की एक वीडियो प्रसारित की है, जिसमें हाई रिस्क कैदी लॉरैंस बिश्नोई व्हाट्सएप वीडियो कॉल के द्वारा मोनू मानेसर के साथ बात करता देखा गया। मोनू मानेसर हरियाणा के नूंह जिले में गड़बड़ी करने और हिंसा भड़काने के मुख्य आरोपियों में से एक है। वीडियो में एक अन्य व्यक्ति लॉरैंस बिश्नोई के साथ दफ्तरी कुर्सी पर बैठा दिख रहा है।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड की गई थी और आरोप लगाया गया था कि लॉरैंस बिश्नोई बठिंडा जेल में मोबाइल फोन का प्रयोग कर रहा है। इस मामले की जांच आई.जी. जेल रूप कुमार अरोड़ा को सौंपी गई थी। जांच में वीडियो में लॉरैंस बिश्नोई के साथ बैठे व्यक्ति की पहचान राजकुमार उर्फ राजू बिश्नोई के तौर पर हुई है। राजकुमार 25 जनवरी-2021 से 22 फरवरी-2021 तक जिला जेल श्री मुक्तसर साहिब में बंद था। सरकारी रिकार्ड के मुताबिक लॉरैंस बिश्नोई साल-2018 तक केंद्रीय जेल फरीदकोट में रहा, क्योंकि उसे 4 जनवरी 2018 को किसी अन्य राज्य की पुलिस के हवाले कर दिया गया था।