पंजाब में दूध उत्पादन में आई बड़ी गिरावट, वजह कर देगी हैरान

Edited By Kalash,Updated: 10 Jun, 2025 06:35 PM

huge in milk production

पशुओं के दूध उत्पादन में भी गिरावट आ गई है।

गुरदासपुर (हरमन): पिछले कुछ दिनों से तापमान में लगातार वृद्धि और 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हीट वेव ने जहां लोगों का जीना मुहाल कर दिया है, वहीं अत्यधिक गर्मी वाला यह मौसम दुधारू पशुओं के लिए भी बेहद खतरनाक साबित हो रहा है। पशुओं पर लगातार बढ़ रही गर्मी का असर इस हद तक पड़ रहा है कि दुधारू पशुओं के दूध उत्पादन में भी गिरावट आ गई है। इतना ही नहीं, पशु चिकित्सकों ने पशुपालकों को सचेत किया है कि अगर गर्मी के दिनों में पशुओं की देखभाल में लापरवाही बरती गई तो पशुओं का स्वास्थ्य काफी बिगड़ सकता है और परिणामस्वरूप पशुओं की मौत तक हो सकती है।

पशुओं में तेजी से बढ़ रहा है हीट स्ट्रैस

पशुपालन विभाग गुरदासपुर के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. गुरदेव सिंह ने बताया कि इस धरती पर मौजूद हर तरह के जीव-जंतु या वनस्पति पर गर्मी का बड़ा असर होता है। लेकिन दुधारू पशुओं के लिए यह मौसम और भी नुकसानदेह साबित होता है। इसलिए दुधारू पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए समय पर उचित कदम उठाने चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो पशु दूध देना कम कर देते हैं और पशुओं का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उनकी मौत तक हो सकती है।

उन्होंने कहा कि अब जून महीने में तापमान 40 से 45 डिग्री पहुंचने के कारण पशुओं में हीट स्ट्रैस बढ़ेगा, जिसका असर पशुओं के स्वास्थ्य और दूध उत्पादन पर पड़ना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि पंजाब में दूध देने वाले पशुओं में मुख्य रूप से भैंसें, गायें और बकरियां हैं, जिनमें से गायों की देसी नस्लों की बजाय अब पशुपालक विदेशी गायों को पालना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि देसी गायें तो गर्मी सहन कर लेती थीं, लेकिन विदेशी गायों पर गर्मी का प्रकोप ज्यादा असर करता है। इसी तरह भैंसों का शरीर काला होने के कारण उन्हें गर्मी ज्यादा लगती है और भैंसें पानी में रहना पसंद करती हैं। ऐसी स्थिति में उनके शरीर पर प्रभाव पड़ता है और परिणामस्वरूप दूध कम हो जाता है। इसलिए पशुपालकों को चाहिए कि गर्मी के दिनों में पशुओं का ज्यादा ध्यान रखा जाए।

बचाव के लिए उठाए जाएं उचित कदम

डॉ. गुरदेव सिंह ने कहा कि पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए पशुपालन विभाग द्वारा पशुपालकों को जागरूक किया जा रहा है। उसके साथ ही आवश्यक वैक्सीन और कृमि रहित करने की दवा भी दी गई है। उन्होंने कहा कि किसान पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए आधुनिक शैड जरूर बनाएं और यदि ऐसा संभव नहीं है तो किसान कम से कम पशुओं के शेडों में पंखों/कूलर का इंतजाम जरूर करें। यदि पशुओं को किसी प्रकार की कोई समस्या आती है तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सा अधिकारी से संपर्क किया जाए।

उन्होंने कहा कि इस बात को भी सुनिश्चित किया जाए कि पशुओं को सुबह सूरज निकलने से पहले ही चारा डाल दिया जाए, क्योंकि धूप चढ़ने की सूरत में जब चारा डाला जाता है तो पशुओं में तापमान और ज्यादा हो जाता है। उन्होंने कहा कि जिन पशुपालकों ने पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए फोगर, डेयरी पंखे, कूलर आदि का प्रबंध किया है, उनके पशुओं के दूध उत्पादन में कमी नहीं आई है। लेकिन जहां ऐसे प्रबंध नहीं हैं, वहां पशुओं के दूध में 2 से 4 किलो गिरावट आई है। खासकर एच.एफ. गायें और भैंसें ज्यादा गर्मी सहन नहीं करतीं, जिस कारण गर्मी का ज्यादा असर इन किस्मों के दूध उत्पादन पर पड़ता है।

डॉ. गुरदेव सिंह ने बताया कि गर्मी से दूध तो कम हो ही रहा है, बल्कि इन दिनों में पशुओं के शैडों को आग लगने का खतरा भी मंडराता है। आमतौर पर पशुओं के शेडों में सूखा चारा, ईंधन और ऐसा अन्य सामान पड़ा रहता है और कई बार बिजली के शॉर्ट सर्किट या आग की मामूली चिंगारी भी बड़ी आग लगने का कारण बन जाती है। इसलिए गर्मी के दिनों में इस बात को भी सुनिश्चित किया जाए कि शॉर्ट सर्किट होने की गुंजाइश न रहे और न ही ऐसी कोई चीज पशुओं के शैडों के पास रखी जाए जिसे आग लगने का खतरा हो।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here  

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!