Punjab: 15 करोड़ की लागत से बनी यह इमारत बर्बादी के कगार पर, 22 वर्ष के बाद भी..., पढ़ें पूरी खबर

Edited By Urmila,Updated: 04 Jun, 2025 06:02 PM

gurdaspur circuit house

हर सरकार अपनी सरकारी जायदाद की रखवाली करने, हर जिला प्रशासन अपने इलाके की सरकारी इमारत की देखभाल करने तथा उसकी सुरक्षा करने के लिए वचनबद्ध होता है।

गुरदासपुर (विनोद): हर सरकार अपनी सरकारी जायदाद की रखवाली करने, हर जिला प्रशासन अपने इलाके की सरकारी इमारत की देखभाल करने तथा उसकी सुरक्षा करने के लिए वचनबद्ध होता है, ताकि सरकार ने जो लोगों से टैक्स लेकर पैसा खर्च किया है उसका सदुपयोग हो। परंतु गुरदासपुर में वर्ष 2003 में लगभग 15 करोड़ रुपए की लागत से बना सर्किट हाऊस की किस्मत ही ऐसी है कि जब से वह बना है आज तक न तो 2 मंजिला बना सर्किट हाऊस तथा न ही उसके पीछे बने लगभग 16 रिहायशी क्वार्टर आज तक प्रयोग में लाए गए है।

ऐसा नही है कि इस सर्किट हाऊस संबंधी किसी को पता नही है या सरकारी रिकार्ड में यह दर्ज नही है। परंतु उसके बावजूद इस सर्किट हाऊस व इसके रिहायशी मकानों की किस्मत में सुधार करने की आज तक किसी ने कोशिश नही की।

क्या इतिहास है इस सर्किट हाऊस का

गुरदासपुर शहर में लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाया पहला विश्राम घर काफी छोटा था तथा उसमें मात्र 5 कमरे थे। जिनमें से 2 को छोड़ कर अन्य सभी बुरी हालत में थे। जिस कारण विश्राम घर में मंत्री आदि के आने पर उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता था जिस पर गुरदासपुर में नया सर्किट हाऊस बनाने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक गुरदासपुर की रिहायश पुलिस हाऊस के साथ लगती विशाल भूमि पर नया 2 मंजिला सर्किट हाऊस बनाया गया जिसमें लगभग 20 सुंदर कमरे, एक ड्राईग रूम, विशाल डाईनिंग रूम सहित अन्रू सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई।

circuit house gurdaspur

जब जल्दबाजी में उस समय के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरेंदर सिंह से फरवरी 2003 में इसका उद्घाटन करवा दिया गया। जबकि तब इस सर्किट हाऊस को बिजली का कनैकशन तक नही मिला था। इस सर्किट हाऊस में काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए सर्किट हाऊस के पीछे 16 रिहायशी क्वार्टर भी बनाए गए थे। परंतु सच्चाई यह है कि आज तब इन क्वार्टरों में कभी कोई कर्मचारी नही रहा है तथा अब यह क्वार्टर सर्किट हाऊस की तरह खंडहर हो चुके हैं।

सर्किट हाऊस की बात करें तो इसकी सुंदर इमारत सहित विशाल पार्किंग है। इसी तरह इस सर्किट हाऊस में आज न तो कोई चौंकीदार है तथा नही अन्य कोई कर्मचारी। सर्किट हाऊस को तो ताला लगा दिया गया है जबकि इसके साथ बने क्वार्टर खंडहर का रूप धारण कर चुके है। कमरों में लगे बैड सियोंक ने खराब कर दिए है तथा सालों से सफाई न होने के कारण यह सर्किट हाऊस अब भूत बंगला बन चुका है।

circuit house gurdaspur

एक बार सी.आर.पी.एफ. जवानों ने एक रात के लिए प्रयोग किया था यह सर्किट हाऊस

साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के समय बाहर से चुनाव ड्यूटी पर आए सी.आर.पी.एफ. जवानों को यहां ठहराया गया था। परंतु यह जवान जहां पर बिना बिजली, बिना पानी, बिना सीवरेज की सुविधा में एक ही रात यह ठहरे तो अधिकतर जवान बीमार पड़ गए तथा दूसरे दिन ही उन्हें अन्य स्थान पर भेजना पड़ा।

क्यों नही चला यह सर्किट हाऊस

2 मंजिला सर्किट हाऊस की ईमारत का निर्माण पी.डब्ल्यू.डी. ने 2003 में किया था। हालांकि, आतिथ्य विभाग, जो पंजाब के सभी सात सर्किट हाऊसों का मूल निकाय है, ने कर्मचारियों की कमी का हवाला देते हुए इसे अपने कब्जे में नहीं लिया। 2018 में, विभाग ने घोषणा की कि वह इस सर्किट हाऊस को अपने कब्जे में लेने के लिए तैयार है। हालांकि, एक बेवजह यू-टर्न लेते हुए, विभाग ने गुरदासपुर में ड्यूटी करने के लिए नियुक्त कर्मचारियों को चंडीगढ़ के सैक्टर-39 सर्किट हाऊस और पंजाब भवन में स्थानांतरित कर दिया।

अगर इमारत को पूरी तरह से तबाह होने से बचाना है, तो एक दीर्घकालिक योजना की जरूरत है। यह प्रॉपर्टी एस.एस.पी. आवास के साथ एक दीवार सांझा करती है और डी.सी. हाऊस से सिर्फ़ 100 गज की दूरी पर है। रियल एस्टेट विशेषज्ञों का कहना है कि इमारत और जमीन का संयुक्त मूल्य 40 करोड़ रुपए के बीच है। मुख्यमंत्री पंजाब ने एक चुनावी रैली के दौरान सी.एम. भगवंत मान ने इसे बचाने का वादा किया था। हालांकि, उन्होंने अभी तक अपना वायदा पूरा नहीं किया है।

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