Edited By Vatika,Updated: 28 Aug, 2024 09:45 AM
पी.जी.आई. के मरीजों के लिए राहत भरी खबर है।
चंडीगढ़: पी.जी.आई. के मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। दरअसल, पी.जी.आई. में ओ.पी.डी. सुबह 9 बजे शुरू होती है, लेकिन कार्ड बनवाने की जद्दोजहद में लोग सबह 6 बजे से ही लाइनों में लग जाते हैं। इन लाइनों से बचने के लिए एडवांस आई सैंटर में एक नई पहल की गई है।
अब यहां, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाकर से आने वाले मरीजो को चैकअप में पहले प्राथमिकता दी जाएगी। यानी, जो मरीज आनलाइन कार्ड बनवाकर आएंगे, उनका ईलाज पहले होगा। एडवांस आई सेंटर के हैड डॉ एस. एस. पांडव के मुताबिक | ओ.पी.डी. शुरू होने से पहले ही मरीजों को लंबी लाइनों से बचाने के लिए ये व्यवस्था शुरू की गई है। ये नई व्यवस्था शुक्रवार से शुरू होगी। ऑनलाइन रजिस्ट्रैशन से मरीज को अपनी पंसद का दिन और वक्त मिल जाता है। आई सैंटर में रोजाना करीब 1500 मरीज आते हैं। पहले हर हफ्ते आनलाइन रजिस्ट्रेशन से 150 मरीजों को देखा जाता था, लेकिन अब बढ़ा कर 200 कर दिया है। इसका रिस्पॉन्स अच्छा रहा तो आने वाले दिनों में मरीजों के 200 स्लॉट को बढ़ाया जा सकता है। पी.जी. आई. की ऑफिशियल वैबसाइट पर मरीज रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
भीड़ और वक्त बचाने में मिलेगी मदद
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने वालों के लिए अलग लाइन है। इस नई पहल में थर्मल स्कैनर का इस्तेमाल किया जा रहा है, जहां नाम और उम्र दर्ज करने के बाद प्रिंटआउट दिया जाता है। पर्ची लेकर मरीज सीधा डॉक्टर के पास जाता है। इस तरह मरीजो को पर्ची बनाने के लिए सुबह आकर लाइन में नहीं लगना पड़ता। डॉक्टरों के पास मरीजों की लिस्ट चली जाती है जिन्होंने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसकी मदद से भीड़ को सही तरीके से मैनेज किया भी किया जा सकेगा।
कार्ड बनवाने के लिए 8 से 10 लाइनें
ओ.पी.डी. में रोजाना करीब 10 हजार मरीज आते हैं। कार्ड बनवाने के लिए 8 से 10 लंबी लाइनें लगती हैं और काऊंटर 11 बजे तक ही खुलता है। मरीजो को इन लंबी कतारों से बचाने के लिए पी.जी.आई. इस टैक्नोलॉजी की मदद ले रहा है।
ऑनलाइन ही चुका देंगे कार्ड बनाने की फीस
ओ.पी.डी. में मरीजों की बढ़ती संख्या बड़ी चुनौती है। मरीज रजिस्ट्रेशन के बाद ऑनलाइन ही पेमेंट भी कर सकेंगे। इसके बाद कार्ड नंबर जैनरेट होगा, जो रजिस्ट्रेशन प्रूफ होगा। इस तरह कार्ड बनाने वाले काउंटर पर जाने की जरूरत नहीं होगी।
जून से अभी तक 363 मरीजों को फायदा
जून महीने में सुविधा शुरू की गई है। लोगों को अभी ज्यादा जानकारी नहीं है, फिर भी 363 मरीज ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से पहुंचे।