बाढ़ में डूबा पालनहार,घरों की छतों पर रोटी के दो निवालों का इंतजार

Edited By swetha,Updated: 26 Aug, 2019 08:35 AM

floods in punjab

शिअद भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड को ठहरा रहा है जिम्मेदार

जालंधर(सूरज ठाकुर): जिस पंजाब की धरती ने 1970 की हरित क्रांति से लेकर अब तक देश के लोगों की भूख मिटाने के लिए अन्न के भंडार दिए और किसानों ने रसायनिक खादों के कारण कैंसर जैसी घातक बीमारियां अपने जीवन में मोल लीं, आज वही धरती जब जल प्रलय के आगोश में है तो सियासतदान एकजुट होने की बजाय सियासी चूल्हों पर अपनी रोटियां सेंकने पर उतारू हैं। 

हालात परा काबू पाने में पंजाब सरकार नाकाम

हालात ऐसे हैं कि कैप्टन सरकार धरातल पर बाढ़ जैसे हालात से निपटने में नाकाम होती नजर आ रही है। कई बरस तक पंजाब की सत्ता संभाल चुके शिरोमणि अकाली दल के शीर्ष नेताओं के तरकश शब्दभेदी बाणों से भरे पड़े हैं। राज्य में तीसरे फ्रंट का सपना पालने वाली आम आदमी पार्टी का भी यही हाल है। इस बीच केंद्र सरकार ने बाढग्रस्त राज्यों को 2 बार राहत देने का ऐलान किया मगर दोनों ही सूचियों में पंजाब का नाम कहीं नजर नहीं आया।  तब जाकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया, जिसके बाद 19 अगस्त को जारी की गई 11 राज्यों की दूसरी सूची में पंजाब का नाम जोड़ा गया। 

PunjabKesari

पंजाब के हालात और तंज भरी सियासत

भाखड़ा बांध के गेट खोलने से पंजाब के सैंकड़ों गांव पानी में डूबे हुए हैं। किसान घरों की छत पर अपने परिवारों के साथ रोटी के दो निवालों का इंतजार कर रहे हैं। मवेशियों और घरों में अनाज के स्टोर पानी में डूबने से गांवों में दुर्गंध फैलने लगी है। बाढग्रस्त इलाकों में बीमारियां पांव पसारने लगी हैं। सरकार व स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा लगाए जा रहे मैडीकल कैंपों में बीमार ग्रामीणों की कतारें लंबी हैं। मंदी की मार झेल रही कैप्टन सरकार राहत राशि के लिए मोदी के सरकार के द्वार पर दामन फैलाए खड़ी है। प्रशासन पीड़ित ग्रामीणों की मदद करते-करते हांफने लगा है। ऐसे में विपक्ष में बैठे शिरोमणि अकाली दल की ओर से तंज भरा बयान आता है कि केंद्र से मदद ऐसे नहीं मिलती, इसके लिए सरकार को तैयारी करनी पड़ती है। 

PunjabKesari

शिअद भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड को ठहरा रहा है जिम्मेदार

यहां आपको यह याद दिलाना जरूरी है की शिअद मोदी सरकार का अभिन्न अंग है और बादल दम्पति बतौर सांसद पंजाब का प्रतिनिधित्व करते हैं। शिअद के कई शीर्ष नेता सारे नुक्सान के लिए भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड को दोषी ठहरा रहे हैं। राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ के बारे में तो यह तक कह डाला कि उन्हें अपने मंत्रालय का ज्ञान ही नहीं है। पहले वह 3-4 दिन ज्ञान हासिल कर लें। 

PunjabKesari

12 राज्यों में होगा नुक्सान का आकलन  

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के आग्रह करने पर बाढ़ से हुए नुक्सान का जायजा लेने के लिए गृह मंत्रालय के अधीन गठित इंटर मिनिस्टीरियल सैंट्रल टीम (आई.एम.सी.टी.) की 11 राज्यों की सूची में अब पंजाब का नाम भी जोड़ दिया गया है। आई.एम.सी.टी. 12 राज्यों में स्पॉट पर जाकर नुक्सान का आकलन करेगी। इसकी अंतिम सिफारिश के बाद पंजाब को भी राहत राशि प्रदान की जा सकती है। पहले जारी की गई 11 राज्यों की सूची में मेघालय, असम, त्रिपुरा, बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल के नाम शामिल थे।

PunjabKesari

ऊंट के मुंह में जीरा डालने की कोशिश भी नाकाम 

पंजाब के मालवा और दोआबा के कई जिले बाढ़ की जद में हैं। इन इलाकों के 200 से ज्यादा गांवों की हालत बदतर होती जा रही है। जालंधर, रोपड़, आनंदपुर साहिब, फिरोजपुर, कपूरथला के कई गांवों की हालत बेहद खराब है। नवांशहर, होशियारपुर और अमृतसर के गांव भी आफत में हैं। जालंधर की बात करें तो यहां करीब 2 लाख लोग बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। जमीन स्तर से आ रही मीडिया रिपोर्टस के हिसाब से देखा जाए तो पीड़ितों को जारी राहत ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। ऐसा नहीं है कि शासन और प्रशासन हाथ-पांव नहीं मार रहा है। पीड़ित लोगों तक खाना, दवाएं और आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने में प्रशासनिक अमले और एन.डी.आर.एफ. की टीमों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एन.डी.आर.एफ . की बोट्स छोटी हैं जिनमें खाद्य सामग्री सीमित मात्रा में ले जानी पड़ रही है। पानी में डूबी धान की फसल बोट्स के पंखों में फंस कर उन्हें खराब कर रही है जिसके बाद इन बोट्स को चप्पुओं के सहारे चलाना पड़ रहा है। लोग सरकार और प्रशासन से खासे भड़के हुए हैं लेकिन आस-पास के गांवों और स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा की जा रही मदद की सराहना कर रहे हैं। 

PunjabKesari

3 राज्यों को जारी हुए 4432 करोड़, पंजाब को जीरो

पंजाब में बाढ़ जैसे हालात सामने आने पर कैप्टन सरकार ने अपने स्तर पर 100 करोड़ रुपए की राहत राशि जारी की और राजस्व मंत्रालय ने प्रभावित किसानों को फौरी तौर पर 2 हजार रुपए देने की घोषणा की। इसके बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने एक अनुमान के मुताबिक जानकारी दी कि राज्य में करीब 1700 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर अवगत करवाया और राज्य में राहत के लिए 1000 करोड़ रुपए तुरंत रिलीज करने की मांग की। कैप्टन अमरेंद्र की उम्मीद सप्ताह भर पहले उस वक्त धराशाही हो गई जब गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में गठित उच्च स्तरीय कमेटी ने ओडिशा, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार द्वारा 4432 करोड़ रुपए जारी किए जाने का खुलासा किया। 

PunjabKesari

यह है सियासी दलों का हाल

पंजाब के इलाके बाढ़ की जद में क्या आए, सियासी दलों को यह एक बड़ा मुद्दा नजर आया। यूं कह लीजिए जैसे अंधे के हाथ में बटेर लग गया हो। सूबे के मुखिया कैप्टन अमरेंद्र सिंह की हालत ऐसी है कि केंद्र सरकार के आगे पीड़ितों के लिए झोली फैलाए घूम रहे हैं। बाढ़ जैसे हालात पैदा होने के बाद शिरोमणि अकाली दल ने सरकार की साख पर बट्टा लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यूं कहा जा सकता है कि पीड़ितों को राहत पहुंचा कर कैप्टन जहां सरकार की साख बचाने में जुटे हैं, वहीं शिअद प्रमुख एवं सांसद सुखबीर बादल कैप्टन सरकार की नाकामियों को उजागर कर जनता में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी के इकलौते सांसद भी बाढ़ पीड़ित इलाकों का दौरा कर लोगों को राहत सामग्री बांट रहे हैं और पूर्व अकाली और मौजूदा कैप्टन सरकार को कोस रहे हैं।

PunjabKesari

अंत में ऐसे राहत

ये सब बातें बाढ़ से जूझ रहे किसानों के लिए कोई मायने नहीं रखतीं क्योंकि हालात सामान्य होने के बाद भी उनकी जिंदगी की रफ्तार देश के लोगों से पिछड़ जाएगी। इस बीच केंद्र से शिरोमणि अकाली दल पंजाब के लिए सहायता लाने में कारगर साबित हो सकता है। बादल दंपति सुखबीर बादल और हरसिमरत कौर बादल एन.डी.ए. सरकार के सहयोगी सांसद और मंत्री हैं इसलिए वे अपने हिसाब से केंद्र सरकार से राहत हासिल कर जनता और कैप्टन को अहसास दिलाने का पूरा प्रयत्न करने की तैयारी में हैं। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!