Edited By Vatika,Updated: 25 Nov, 2020 12:16 PM
कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब-हरियाणा के किसानों ने 26 नवंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया है।
चंडीगढ़ः कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब-हरियाणा के किसानों ने 26 नवंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया है। डेढ़ महीने से चल रहा किसानों का आंदोलन अब आक्रामक रूप धारण करता जा रहा है। बुधवार सुबह से ही किसानों ने अपने कदम दिल्ली की तरफ बढ़ा लिए हैं। पंजाब के किसान हरियाणा बार्डर पर पहुंच गए हैं और साथ ही अपने साथ कई महीनों का राशन जैसे सब्जियां, वाटर टैंकर, लकड़ियां लेकर जा रहे हैं।
दिल्ली सरकार ने नहीं दी किसानों को रैली की इजाजत
हरियाणा पंजाब बार्डर पर आस-पास के गांवों से लोग आंदोलनकारी किसानों के लिए दूध और अन्य जरूरी सामान लेकर पहुंच रहे हैं। उधर, किसानों का कहना है कि सरकार ज़्यादती करेगी तो वहीं धरने पर बैठ जाएंगे। इन संगठनों का कहना है कि अगर उन्हें रोका जाता है तो पड़ोसी राज्यों से दिल्ली आने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए जाएंगे। इनका कहना है कि देशभर के किसान दिल्ली मार्च करेंगे। इनको रास्ते में जहां भी रोका जाएगा, वह वहीं धरने पर बैठ जाएंगे। वहीं दिल्ली सरकार ने किसान संगठनों को रैली की इजाजत नहीं दी है।
हरियाणा पुलिस ने जारी की ट्रैवल एडवाइजरी
हरियाणा पुलिस ने किसान संगठनों के मार्च को देखते हुए लोगों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि 26-27 नवंबर को किसानों के दिल्ली मार्च को देखते हुए प्रशासन द्वारा कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। 25-26 नवंबर को पंजाब से हरियाणा और 26-27 नवंबर को हरियाणा से दिल्ली जाने के प्रवेश स्थानों पर ट्रैफिक रोका जा सकता है।