विश्व का हर 25वां व्यक्ति फैटी लिवर से प्रभावित, ऐसे करें इसका उपचार

Edited By Tania pathak,Updated: 15 Jun, 2021 12:29 PM

every 25th person in the world is affected by fatty liver

मैटाबॉलिक एसोसिएटेड फैटी लिवर डिजीज को दुनियाभर में एक आम रोग की तरह माना जाता है....

लुधियाना (सहगल): मैटाबॉलिक एसोसिएटेड फैटी लिवर डिजीज को दुनियाभर में एक आम रोग की तरह माना जाता है परंतु यह वैश्विक स्तर पर एक चौथाई आबादी (25वां व्यक्ति) को प्रभावित करता है और इसमें से 20 प्रतिशत लोगों को लिवर डैमेज का सामना करना पड़ सकता है।
मैटाबॉलिक संबंधित फैटी लिवर रोग (एम.ए.एफ.एल.डी.) अब दुनियाभर में जिगर की बीमारी का प्रमुख कारण है और वैश्विक आबादी के लगभग एक चौथाई को प्रभावित करता है। यह जानकारी देते दयानंद मैडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के प्रोफैसर तथा प्रमुख  डॉ. अजीत सूद ने बताया कि फैटी लिवर की बीमारी वाले लोगों में अक्सर तब तक कोई लक्षण नहीं होते जब तक कि यह बीमारी लिवर के सिरोसिस तक नहीं पहुंच जाती। 

ये होते हैं लक्षण
- पेट में दर्द या पेट भरा हुआ महसूस होना। 
- भूख नहीं लगना या वजन कम होना।
- त्वचा का पीलापन। 
- पैरों में सूजन और सामान्य कमजोरी इसके शुरूआती लक्षण हो सकते हैं।

किन्हें हो सकती है यह बीमारी
डॉ. अजीत सूद ने आगे बताया कि फैटी लिवर का निदान रक्त परीक्षण द्वारा किया जा सकता है। इसके अलावा तीन मानदंडों में से कम से कम एक की उपस्थिति जिसमें अधिक वजन या मोटापा शामिल है, टाइप-2 डायबिटीज मैलिटस या चयापचय संबंधी शिथिलता के नैदानिक साक्ष्य, जैसे कि कमर की बढ़ी हुई परिधि और एक असामान्य लिपिड प्रोफाइल या खराब ग्लाइसैमिक नियंत्रण इसकी आशंका उत्पन्न करते हैं। उन्होंने बताया कि फैटी लिवर आमतौर पर अधिक वजन या मोटापे वाले लोगों में होता है। यह उन लोगों में भी हो सकता है जो दुबले होते हैं लेकिन केंद्रीय मोटापा (पुरुषों के लिए कमर की परिधि 90 सै.मी. से अधिक और महिलाओं के लिए 80 सै.मी.) है।

कैसे करते हैं जांच
लिवर की स्थिति का आकलन करने के लिए अल्ट्रासाऊंड या कम्प्यूटेड टोमोग्राफी (सी.टी. स्कैन) किया जा सकता है। एक बार फैटी लिवर का डायग्नोज हो जाने के बाद यह निर्धारित करना महत्वपूर्ण है कि रोगी को लिवर की कोई गंभीर बीमारी है या नहीं। फैटी लिवर चार चरणों में होता है -
1. साधारण स्टीटोसिस (जब लिवर में 10 प्रतिशत से अधिक की वसा होती है)।
2. गैर-अल्कोहल स्टीटोहैपेटाइटिस (एन.ए.एस.एच., यह अधिक गंभीर है जहां यकृत में सूजन हो जाती है और यह कोशिका मृत्यु का कारण बन सकती है)।
3. लिवर फाइब्रोसिस और सिरोसिस (यह सबसे गंभीर अवस्था है, लिवर सख्त हो जाता है और सिकुड़ सकता है)। 
4. फाइब्रोसिस के स्तर का मूल्यांकन गैर-इनवेसिव परीक्षणों द्वारा किया जा सकता है जिसमें रक्त परीक्षण और फाइब्रोस्कैन जैसे विशेष स्कैन शामिल हैं। एन.ए.एस.एच. के कारण लिवर सिरोसिस लिवर कैंसर में बदल सकता है।

कैसे बनाएं उपचार की रणनीति
- वजन नियंत्रण के उद्देश्य से जीवनशैली में संशोधन। 
- 30 मिनट दिन का नियमित व्यायाम 
- रक्त शर्करा, कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को नियंत्रित करना   
- अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त लोगों को धीरे-धीरे 1 किलो प्रति सप्ताह वजन कम करने का लक्ष्य रखना चाहिए।

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