बारिश ने बढ़ाई बिजली उपभोक्ताओं की परेशानी... पढ़ें क्या है माजरा

Edited By Vatika,Updated: 28 Aug, 2024 10:07 AM

electricity problem due to rain

उपभोक्ताओं का दबाव बढ़ता है और इससे निपटने के लिए अधिकारियों को भारी जद्दोजहद करनी पड़ती है।

जालंधर : बारिश के चलते बिजली खराबी के केसों में भारी इजाफा देखने को मिला, जोकि पावरकॉम के अधिकारियों व उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बना। स्टाफ शार्टेज का सामना कर रहे पावरकॉम के लिए बारिश का मौसम किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि फाल्ट बढ़ने के चलते उपभोक्ताओं का दबाव बढ़ता है और इससे निपटने के लिए अधिकारियों को भारी जद्दोजहद करनी पड़ती है।

बारिश के बाद नोर्थ जोन के अन्तर्गत 3500 से अधिक शिकायतें सुनने को मिली। कई इलाकों में बारिश के समय गुल हुई बिजली कई घंटों तक चालू नहीं हो पाई, जिसके चलते उपभोक्ताओं को भारी परेशानियां पेश आई। वहीं, कई इलाकों में बारिश के बाद बिजली चालू हुई और बाद में फ्यूज उड़ गया। कुछ इलाकों में ट्रांसफार्मर के फाल्ट ठीक होने में घंटों का समय लग गया जिससे उपभोक्ताओं का हल बेहाल होता देखा गया। अक्सर देखने में आता है कि मौसम में बदलाव (बारिश व आंधी) आने से बिजली के फाल्ट बेहद बढ़ जाते है व इसके बाद शिकायतों का सिलसिला शुरू होता है। उपभोक्ताओं की अकसर शिकायत रहती है कि फाल्ट आने के बाद रिपेयर करने वाले कर्मचारी समय रहते मौके पर नहीं पहुंचते जिसके चलते उन्हें परेशानियां पेश आती हैं।

अधिकारियों का कहना था कि बारिश के दौरान एहतियात के तौर पर बिजली को बंद किया जाता है। बारिश के बाद फीडर चालू होने से सैकड़ों समस्याएं एक साथ हल हो जाती है, इसलिए उपभोक्ताओं को बारिश रूकने का इंतजार करना चाहिए। आलम यह है कि विभाग के पास टैक्निकल स्टाफ की भारी कमी है जिसके चलते कर्मचारी फाल्ट वाले सभी स्थानों पर समय पर नहीं पहुंच पाते और उन्हें उपभोक्ताओं के गुस्से का शिकार होना पड़ता है। विभिन्न इलाकों में देर शाम तक बिजली किल्लत का सामना करने वाले उपभोक्ताओं ने कहा कि विभाग को स्टॉफ बढ़ाना चाहिए। देखने में आ रहा है कि बत्ती गुल रहने की वजह से लोगों के दिलों में विभाग के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है। बिजली फाल्ट के चलते शाम के बाद बाजारों में भी कामकाज प्रभावित हुआ। वहीं, विभिन्न मोहल्लों व बाजारों में बिजली कर्मचारी हल्की बारिश में भी फाल्ट ठीक करते हुए देखे गए।वहीं नाम न छापने की सूरत में कर्मचारियों का कहना है कि कई इलाकों में सिस्टम अप-टू-डेट नहीं है, जिसके चलते बारिश में फाल्ट पड़ने के केस बढ़ जाते है। उनका कहना है कि विभाग को स्टाफ बढ़ाना चाहिए।

1912 मिलता नहीं, लोकल नंबर व्यस्त
वहीं, उपभोक्ताओं का कहना है कि पावरकॉम में शिकायत दर्ज करवाने के लिए कंपलेंट नंबर 1912 हर बार परेशानी का सबब बनता है। इस नंबर पर लंबे समय तक कॉल करने की कोशिशें करने के बावजूद फोन नहीं मिलता। इसके चलते कई बार समय पर शिकायतें दर्ज नहीं हो पाती। उपभोक्ताओं ने कहा कि विभाग ने 1912 के विकल्प में डिवीजन स्तर के जो नंबर उपलब्ध करावाए है वह हर समय व्यस्त रहते है।

दफ्तरों में नहीं मिलते कर्मचारी, फोन पर करें शिकायत
फोन नंबर न मिलने के कारण अंत में लोग शिकायत केन्द्र में जाकर कर्मचारियों से संपर्क करने की कोशिश करते है लेकिन देखने में आता है कि कई शिकायत केन्द्रों में ताले लटक रहे होते हैं या दफ्तर खाली होता है। फील्ड स्टाफ का कहना है कि शिकायत आने पर तुरंत प्रभाव से साइट पर चले जाते हैं जिसके चलते हर समय शिकायत केन्द्र में किसी का रहना संभव नहीं है। उनका कहना है कि लोगों को शिकायत केन्द्रों में आने के स्थान पर शिकायत केन्द्रों पर ही अपनी शिकायतें दर्ज करवानी चाहिए।

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