Edited By Kamini,Updated: 09 Jan, 2025 06:31 PM
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर बड़ा ऐलान कर दिया है।
मोगा : संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर बड़ा ऐलान कर दिया है। किसानों ने 13 और 26 जनवरी के लिए ऐलान किया है। किसान मोर्चा ने 13 जनवरी को तहसील हेडक्वाटरों पर राष्ट्रीय कृषि मंडीकरण नीति मसौदे की प्रतियां जलाने और पिछले वर्षों की तर्ज पर 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया है। इन एक्शन कार्यक्रमों में राष्ट्रीय कृषि मंडीकरण नीति के मसौदे को खारिज करना, स्वामीनाथन फार्मूले के तहत एमएसपी और खरीद गारंटी कानून, किसानों और मजदूरों के लिए कर्ज राहत की मांग के साथ-साथ सीमाओं पर संघर्षरत किसानों को समर्थन देना शामिल होगा।
उपरोक्त घोषणाएं आज मोगा में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित महापंचायत के दौरान की गईं। उल्लेखनीय है कि मोगा में संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में पंजाब के कोने-कोने से रिकॉर्ड तोड़ किसान पहुंचे। मोगा महापंचायत में एकत्रित लोगों ने राष्ट्रीय कृषि मंडीकरण नीति के मसौदे को खारिज करने, स्वामीनाथन फार्मूले के तहत एमएसपी पर खरीद की गारंटी देने वाला कानून बनाने समेत दिल्ली मोर्चे की स्वीकृत मांगों को लागू करने तथा किसानों के संयुक्त/एकीकरण के संघर्ष की जरूरत के मद्देनजर ऐकता मत्ता पास किया। संयुक्त किसान मोर्चा की 6 सदस्यीय एकता समिति कल 10 जनवरी को खनौरी और शंभू बॉर्डर पर एकता का यह संकल्प लेकर जाएगी। इसमें 15 जनवरी को पटियाला के गुरुद्वारा दुखनिवारन साहिब में एक संयुक्त बैठक आयोजित करने का निमंत्रण भी शामिल है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती हालत की कड़ी निंदा की है। इसके लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जिम्मेदार हैं मांग की कि केंद्र सरकार जगजीत सिंह दल्लेवाल की जान बचाने के लिए तुरंत प्रदर्शनकारी संगठनों से बातचीत शुरू करे। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने केंद्र सरकार को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जगजीत सिंह डल्लेवाल को कोई नुकसान पहुंचा तो मोर्चा सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा।
उन्होंने मांग की कि राज्य सरकारें संघवाद की रक्षा के लिए इस मसौदे को अस्वीकार करने के लिए अपनी विधानसभाओं में प्रस्ताव पारित करें। संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ताओं ने विपक्षी दलों की राज्य सरकारों से इस मामले में पहल करने की अपील करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा इस मसौदे को खारिज करने संबंधी दिए गए बयान का स्वागत किया। उन्होंने मांग की कि पंजाब सरकार तुरंत विधानसभा का सत्र बुलाए और इस मसौदे को खारिज करने के लिए प्रस्ताव पारित करने का अपना वादा पूरा करे। नेताओं ने किसानों से आह्वान किया कि वे इस विधेयक को खारिज करवाने के लिए किसान आंदोलन की व्यापक एकता बनाकर केंद्र सरकार के खिलाफ मजबूत संघर्ष के लिए तैयार रहें। एमएसपी और खरीद गारंटी कानून को लेकर संसद की स्थायी समिति द्वारा की गई सिफारिश को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि स्थायी समिति ने किसानों की मांगों को लेकर स्वामीनाथन फार्मूले को भूलकर अधूरी सिफारिश की है।
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