Edited By Kamini,Updated: 30 Dec, 2024 03:14 PM
पिछले कुछ दिनों से बढ़ रही कड़ाके की ठंड ने जहां आम लोगों के जीवन पर असर डाला है, वहीं जानवरों, बुजुर्गों और बच्चों पर भी इसका प्रतिकूल असर देखा जा सकता है।
तरनतारन : पिछले कुछ दिनों से बढ़ रही कड़ाके की ठंड ने जहां आम लोगों के जीवन पर असर डाला है, वहीं जानवरों, बुजुर्गों और बच्चों पर भी इसका प्रतिकूल असर देखा जा सकता है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के दौरान मैदानी इलाकों के तापमान में भारी गिरावट आई है, जिससे आम लोगों को ठंड के प्रकोप से बचने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाने पड़ रहे हैं। बता दें कि शुरू हुए घने कोहरे के कारण जहां वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं कड़ाके की ठंड के कारण कारोबार पर भी प्रतिकूल असर पड़ने लगा है।
बच्चों पर ठंड का असर
सरकारी अस्पताल के सामने रंधावा क्लीनिक से बच्चों के माहिर डॉ. सुप्रिया रंधावा ने कहा कि सर्दी के मौसम में छोटे बच्चों में निमोनिया, खांसी, जुकाम, उल्टी के साथ पेट में संक्रमण होने का डर रहता है, जिससे बचने के लिए सर्दी से बचना चाहिए। इसके साथ ही बाजार की वस्तुओं का कम और गर्म कपड़ों का अधिक प्रयोग करने की जरूरत है। स्वास्थ्य संबंधी समस्या के समाधान के लिए बच्चे की विशेषज्ञ डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।
बुजुर्गों ने घर से निकलना बंद कर
मेडिकेयर अस्पताल से हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रजनीश शर्मा ने कहा कि ठंड में दिल के मरीजों की दिक्कतें बढ़ने लगती हैं, जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत, दिल की धड़कन तेज होना, नींद न आना, बेचैनी, ब्लड प्रेशर की समस्या होने लगती है। उन्होंने कहा कि हृदय रोग के मरीजों को ठंड के मौसम में कम से कम बाहर निकलना चाहिए क्योंकि सर्दियों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
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