Edited By Tania pathak,Updated: 30 Jun, 2020 05:17 PM
जानकारों का कहना है कि इस मामले में जहां पर कोविड-19 के टैस्टों के बारे में मिलीभगत के साथ हेराफेरी की है...
अमृतसर (इन्द्रजीत): अमृतसर के निजी लैब और प्राइवेट अस्पताल के मामले में विजीलैंस विभाग द्वारा कार्रवाई करने के उपरांत अब इसमें कई और विभाग भी सक्रिय हो गए हैं।
जानकारी के मुताबिक इसकी जांच के लिए केंद्रीय जांच एजैंसी इन्फोर्समैंट डायरैक्टोरेट तक भी इसकी गूंज पहुंच चुकी है। तुली लैब और ई.एम.सी अस्पताल के मामले में विजीलैंस विभाग ने बुधवार को हत्या का प्रयास और धोखाधड़ी का मामला दर्ज करते हुए ई.एम.सी. अस्पताल के मालिक और पांच अन्य डॉक्टरों के विरुद्ध मामला दर्ज किया था, जिसमें अस्पताल के मालिक पवन अरोड़ा के साथ-साथ डा. महेन्द्र सिंह, डा. रॉबिन तुली, डा. रिदम तुली, डा. संजय और डाक्टर सोनी को नामजद किया गया था।
जानकार सूत्रों से पता चला है कि इस मामले को लेकर व्यापक स्तर पर गूंज उठ जाने के कारण केंद्र सरकार की एजैंसी इंफोर्समैंट डायरैक्टोरेट (ई.डी.) ने भी अपनी भूमिका दिखाते हुए इस मामले की पूरी रिपोर्ट मंगवाई है।
जानकारों का कहना है कि इस मामले में जहां पर कोविड-19 के टैस्टों के बारे में मिलीभगत के साथ हेराफेरी की है और उनकी जान खतरे में डालने के लिए धारा 307 हत्या का प्रयास दर्ज किया है, वहीं दूसरी ओर इंफोर्समैंट डायरैक्टोरेट भी इस बात को मानकर चलती है कि इसमें मजबूर लोगों के धन का भी दुरुपयोग किया गया है। ऐसा समझा जाता है कि इस कारण इस विभाग ने भी अपनी दबिश देनी शुरू कर दी है।