Edited By Sunita sarangal,Updated: 31 Mar, 2023 10:36 AM

3 किलो हैरोइन के साथ गिरफ्तार किए गए दोनों चाचा-भतीजा तस्करों को अदालत में पेश करके 2 दिन का रिमांड ले लिया गया है
अमृतसर: भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे सीमावर्ती गांवों में कुछ लोग इस प्रकार से तस्करी के काले धंधे में शामिल हैं कि वे अपने सगे रिश्तेदारों को भी साथ लेकर काम करते हैं।
जानकारी के अनुसार बी.ओ.पी. मुलांकोट के इलाके में स्थित गांव बच्चीविंड में बी.एस.एफ. द्वारा ड्रोन से फैंकी गई 3 किलो हैरोइन के साथ गिरफ्तार किए गए तस्कर सगे चाचा-भतीजा निकले हैं। जानकारी के अनुसार भतीजा नाबालिग है और उसकी आयु 17 वर्ष की है। दोनों का घर मौका-ए-वारदात जहां पर ड्रोन से हैरोइन गिरी, से 210 मीटर की दूरी पर है। इससे साबित होता है कि बार्डर फैंसिंग के आस-पास रहने वाले कुछ देशद्रोही ही पाकिस्तानी तस्करों के साथ मिलीभगत करके ड्रोन की मूवमैंट करवा रहे हैं और युवा पीढ़ी को नशे के दलदल में झोंक रहे हैं। कम समय में ज्यादा से ज्यादा रुपया कमाने व अमीर बनने के लालच में यह लोग यह भी नहीं सोचते हैं कि कभी उनका परिवार भी चिट्टे की काली दलदल में गिर सकता है, जिसमें से निकलना लगभग नामुमकिन हो जाता है।
तस्करों से मिली एक्टिवा व 2 मोटरसाइकल किसके?
3 किलो हैरोइन के साथ गिरफ्तार किए गए दोनों चाचा-भतीजा तस्करों को अदालत में पेश करके 2 दिन का रिमांड ले लिया गया है लेकिन इस मामले में चौंकाने वाली बात जो सामने आ रही है, वह यह है कि तस्करों से मौके पर 3 दोपहिया वाहन मिले हैं। इसमें एक एक्टिवा स्कूटर व 2 मोटरसाइकिल शामिल हैं जो साबित करता है कि मौके पर सिर्फ 2 तस्कर ही नहीं, बल्कि कुछ अन्य लोग भी मौजूद थे जो या तो फरार हो गए या फिर कोई अन्य खेप लेकर निकल गए। फिलहाल वाहनों पर लिखे नंबरों से अन्य तस्करों की तलाश की जा रही है और चाचा-भतीजा भी इसका खुलासा कर सकते हैं।
हैरोइन तस्करी के नैटवर्क की पूरी चेन पकड़ सकती हैं एजैंसियां
जिस प्रकार से हैरोइन की खेप के साथ रंगे हाथों 2 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, उससे हैरोइन तस्करी के नैटवर्क की पूरी की पूरी चेन को ट्रेस किया जा सकता है। अगर सुरक्षा एजैंसियां इस केस की गंभीरता के साथ जांच करें व हर पहलू पर फोकस करें तो इस बात का पता लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान से किस तस्कर या एजैंसी ने ड्रोन के जरिए हैरोइन की खेप भेजी और इस खेप को किस तस्कर के पास पहुंचाया जाना था।
कुछ तस्करों ने बना रखी है करोड़ों की संपति
सीमावर्ती इलाकों में हैरोइन तस्करी के काले कारोबार में कुछ लोग इसलिए भी शामिल हो जाते हैं, क्योंकि उनमें लालच आ जाता है और रातों-रात अमीर बनने का सपना भी पूरा होता दिखने लगता है। कुछ तस्करों ने तो इसी काले कारोबार से करोड़ों रुपयों की संपतियां बना रखी हैं जिन पर अभी तक सुरक्षा एजैंसियों की नजर क्यों नहीं पड़ी है, यह भी एक बड़ा सवाल है। बिना किसी जायज आय के यह संपतियां कैसे बन गईं। इसकी तरफ पुलिस व केन्द्रीय एजैंसियों को ध्यान देने की सख्त जरुरत है।
6 किलो हैरोइन व मोटरसाइकिल के मामले में भी हाथ खाली
मंगलवार के दिन बी.एस.एफ. की तरफ से गांव तूर के इलाके में ड्रोन से फैंकी गई 6 किलो हैरोइन व मौके पर एक लावारिस मोटरसाइकिल पकड़े जाने के मामले में भी अभी तक सुरक्षा एजैसियों के हाथ खाली हैं, क्योंकि मोटरसाइकिल पर लिखा नंबर गलत है। हालांकि यह भी तय है कि जिस स्थान से मोटरसाइकिल मिला है, उससे 200 से 300 मीटर के घेरे के आस-पास ही तस्कर रहते होंगे, जो ड्रोन से फैंकी गई हैरोइन की खेप को उठाने के लिए आए थे, लेकिन बी.एस.एफ. की भनक लगने पर मोटरसाइकिल छोड़कर फरार हो गए।
फैंसिंग के आस-पास एंटी ड्रोन सिस्टम अभी तक नहीं
वर्ष 2022 व चालू वित्त वर्ष में पाकिस्तान की तरफ से भेजे जाने वाली ड्रोन की मूवमैंट ने अपने अगले पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं, लेकिन इसके बावजूद सरकार की तरफ से बार्डर फैंसिंग के आसपास एंटी ड्रोन सिस्टम नहीं लगाया जा रहा है, जबकि इस सिस्टम पर कोई ज्यादा भारी भरकम खर्च भी नहीं आता है।
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