Edited By Urmila,Updated: 29 Jan, 2025 10:50 AM
26 जनवरी को अमृतसर डॉ. भीमारव अंबेडकर की मूर्ति को तोड़े जाने से दलित समाज में भारी रोष था जिसके चलते जालंधर, लुधियाना, फगवाड़ा, होशियारपुर और मोगा सहित अन्य शहरों में बंद की कॉल दी गई थी।
पंजाब डेस्क: 26 जनवरी को अमृतसर डॉ. भीमारव अंबेडकर की मूर्ति को तोड़े जाने से दलित समाज में भारी रोष था जिसके चलते जालंधर, लुधियाना, फगवाड़ा, होशियारपुर और मोगा सहित अन्य शहरों में बंद की कॉल दी गई थी जिसके चलते दलित समाज के संबंधित लोगों, संगठनों, जत्थेबंदियों ने लुधियाना में दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाईवे को पूरी तरह से बंद कर दिया था जिससे हाईवे पर लंबा जाम लग गया।
इस लंबे जाम की वजह से जीरकपुर से आए बाराती भी फंसे रहे। बारात मोहाली के जीरकपुर से अमृतसर पहुंचनी थी लेकिन हाईवे पर लगे जाम के कारण वह आगे नहीं बढ़ पाए। दूल्हे के पिता ने लोगों से मिन्नतें की लेकिन किसी ने एक भी न सुनी। उधर लड़कियों वालों ने बारात के स्वागत के लिए कई इंतजाम कर रखे थे। बारात के पीछे और आगे गाड़ियां खड़ी थी जिस कारण वह जाम में फंस गए और शादी नहीं हो सकी। सारे इंतजाम धरे के धरे रह गए। वहीं तरसेम सिंह ने बताया कि अब लड़कियों वालों से मिलकर दोबारा तारीख तय की जाएगी कि शादी कब होगी। इस दौरान राहगीरों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
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