Edited By Sunita sarangal,Updated: 24 Feb, 2020 12:44 PM

पंजाब में कुत्तों द्वारा छोटे बच्चों को काटने की घटनाओं में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है।
बरनाला(विवेक सिंधवानी, गोयल): पंजाब में कुत्तों द्वारा छोटे बच्चों को काटने की घटनाओं में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। जिला खन्ना के गांव नोलडी में एक 12 वर्ष की छोटी बच्ची को कुत्तों ने नोच-नोचकर खा लिया, जिस कारण उसकी मौत हो गई।
छोटी बच्ची खेतों में से आलू लेने गई थी व खेतों में से ही उसकी लाश मिली, फिर इसी तरह से पंजाब के एक अन्य हिस्से में कुत्तों ने 2 सगी बहनों को अपना निशाना बनाया। यह दोनों बहनें भी इस घटना में गंभीर रूप में घायल हो गईं। जिला बरनाला में आवारा कुत्तों ने भारी आतंक मचाया हुआ है। आए दिन आवारा कुत्तों द्वारा लोगों को काटने की घटनाएं सामने आती हैं। कुत्तों द्वारा बुजुर्गों व छोटे बच्चों को अपना निशाना बनाया जाता है। कुत्तों के आतंक के कारण जिला बरनाला के लोग अधिक दुखी हैं। प्रशासन द्वारा इनकी नसबंदी के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाए जा रहे। शहर में झुंडों के झुंड कुत्तों के घूमते रहते हैं। यही हाल गांवों में है। परंतु प्रशासन द्वारा इस समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
हलकाए हुए कुत्तों कारण शहर वासियों की जान को खतरा परंतु चुप है प्रशासन
भाजपा नेता कुलदीप सहौरिया ने कहा कि पंजाब में कुत्तों द्वारा काटने की घटनाओं में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। कई हलकाए हुए कुत्ते भी शहर में सरेआम घूम रहे हैं। इनके द्वारा कई लोगों को काटा जा चुका है। लोग महीना-महीना अपना इलाज करवाते रहते हैं। इन कुत्तों कारण शहर वासियों की जान को खतरा बना हुआ है परंतु प्रशासन द्वारा इस मुद्दे पर कोई उचित कदम नहीं उठाए जा रहे।
आवारा कुत्तों की बढ़ती नफरी पर नकेल कसने के लिए की जाए नसबंदी
मदर टीचर स्कूल के एम.डी. कपिल मित्तल ने कहा कि आवारा कुत्तों की बढ़ती नफरी पर नकेल कसने के लिए कुत्तों की नसबंदी की जानी चाहिए। इस संबंधी नगर कौंसिल ने प्रस्ताव पास किया था कि शहर में कुत्तों की नसबंदी की जाएगी व नगर कौंसिल के बजट में इसलिए अलग से बजट रखा था, परंतु अभी तक यह नसबंदी नहीं हुई। शहर वासियों को इस बारे कुछ पता नहीं कि इन कुत्तों की नसबंदी क्यों नहीं की गई। कुत्तों पर नकेल कसने के लिए इनकी नसबंदी फौरी तौर पर शुरू करवाई जाए ताकि शहर वासियों को राहत मिल सके।
जिले में 6 हजार के करीब है आवारा कुत्तों की संख्या
जिला बरनाला में आवारा कुत्तों की गिनती लगभग 6 हजार के करीब है। अकेले बरनाला शहर में ही लगभग 2000 कुत्ते झुंडों के झुंड बनाकर मोहल्लों में घूमते हैं। शहर के पॉश इलाकों में झुंडों के झुंड घूमते हैं। फरवाही बाजार, सदर बाजार, आस्था एन्क्लेव, लक्खी कालोनी, कच्चा कालेज रोड व पक्का कालेज रोड जैसे इलाकों में भी झुंडों के झुंड घूमते हैं। बाहरी इलाकों में तो और भी बुरा हाल है।
इसी तरह से गांवों के लोग भी कुत्तों के आतंक से दुखी रहते हैं। कुत्तों की संभाल के लिए कोई समाजसेवी संस्था काम नहीं कर रही। हर वर्ष इन कुत्तों की गिनती निरंतर बढ़ती जा रही है।
देश के संविधान में भी बदलाव करने की जरूरत
भोला अरोड़ा ने कहा कि देश के संविधान के अनुसार हलकाए हुए कुत्तों को मारने के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया में से गुजरना पड़ता है व विभिन्न विभागों से इसकी इजाजत लेनी पड़ती है, जिस कारण हलकाए हुए कुत्तों की गिनती भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। कोई चाहकर भी हलकाए हुए कुत्तों को मार नहीं सकता। यदि देश के संविधान में तबदीली लाकर हलकाए हुए कुत्तों को मारने की प्रक्रिया को आसान कर दिया जाए तो इन हलकाए हुए कुत्तों पर काबू पाया जा सकता है व लोगों की कीमती जान बचाई जा सकती है।
आवारा कुत्तों के कारण हो रहे हैं सड़क हादसे
भारत भूषण सिंगला ने कहा कि आवारा कुत्तों से कई सड़क हादसे भी घट रहे हैं। इन हादसों में कई लोगों की मौत हो चुकी है, बड़ी गिनती में आवारा कुत्ते हर जगह घूम रहे हैं। जब कोई वाहन चालक इनके पास से गुजरता है तो एकदम कुत्ते उस वाहन के पीछे पड़ जाते हैं। कई वाहन चालक घबराकर अपना संतुलन खो बैठते हैं व दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं, इसलिए आवारा कुत्तों पर पहल के आधार पर नकेल कसने की जरूरत है।
कुत्तों कारण कई घरों के बुझ चुके हैं चिराग
रैडीएंट प्लाजा के एम.डी. विष्णु सिंगला ने कहा कि आवारा कुत्तों के काटने से पंजाब में कई लोगों की मौत हो चुकी है। जिला बरनाला में भी कुछ लोगों की मौत कुत्तों के काटने से हो चुकी है। कुत्तों द्वारा काटने की घटनाओं कारण कई घरों के चिराग बुझ चुके हैं। विशेष कर बच्चों को यह अपना निशाना बनाते हैं। कुत्तों की समस्या को हल करने के लिए पंजाब सरकार व प्रशासन को पहल के आधार पर कोई कदम उठाना चाहिए।
हर महीने 100 के करीब मरीज आते हैं सिविल अस्पताल में
सिविल अस्पताल के एस.एम.ओ. ज्योति कौशल ने बताया कि 100 के लगभग मरीज हर महीने कुत्तों द्वारा काटे गए आते हैं। इन लोगों का इलाज सिविल अस्पताल में फ्री किया जाता है व टीके भी अस्पताल द्वारा फ्री लगाए जाते हैं। वर्णनीय है कि यह डाटा तो सिर्फ सरकारी अस्पताल बरनाला का है। कई लोग प्राइवेट अस्पतालों में अपना इलाज करवाने के लिए जाते हैं या कई लोग अपना घर में ही इलाज कर लेते हैं।