Edited By Subhash Kapoor,Updated: 10 Jul, 2025 09:43 PM

सोशल मीडिया पर सक्रिय कुछ एप डिवैल्पर अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) तकनीक का गलत इस्तेमाल कर बच्चों और युवाओं को शिकार बना रहे हैं। ये डिवैल्पर आकर्षक वीडियोज़ के जरिए मासूमों को अपने जाल में फंसा कर लाखों रुपये तक ठग लेते हैं।
जालंधर (कशिश): सोशल मीडिया पर सक्रिय कुछ एप डिवैल्पर अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) तकनीक का गलत इस्तेमाल कर बच्चों और युवाओं को शिकार बना रहे हैं। ये डिवैल्पर आकर्षक वीडियोज़ के जरिए मासूमों को अपने जाल में फंसा कर लाखों रुपये तक ठग लेते हैं।
सबसे हैरानी की बात यह है कि ये लोग देश-विदेश की नामी हस्तियों की फेक ए.आई. वीडियो बनाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। इनमें बॉलीवुड से लेकर खेल जगत और बिज़नेस वर्ल्ड की मशहूर हस्तियों की नकली क्लिप्स तक शामिल हैं, जिन्हें देखकर लोग आसानी से विश्वास कर बैठते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल साइट्स पर रोजाना इस तरह के तीन से चार वीडियो या एड दिखाई दे जाते हैं, जिनमें युवाओं को जल्दी पैसा कमाने, गेम्स में इनाम जीतने या किसी स्पेशल ऑफर का लालच दिया जाता है। फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसी लोकप्रिय साइट्स पर भी इन वीडियोज़ की बाढ़ आ चुकी है।
इन फर्जी ए.आई. वीडियो का सबसे ज्यादा असर बच्चों और किशोरों पर पड़ रहा है, जो अपनी उम्र की वजह से आसानी से बहकावे में आ जाते हैं। किसी भरोसेमंद चेहरे को देखकर उन्हें लगता है कि ऑफर सही है, जबकि हकीकत में ये केवल एक जाल होता है, जिसका मकसद डाटा चुराना या सीधे-सीधे पैसे ठगना होता है।
तकनीकी जानकारों के मुताबिक, ए.आई. तकनीक ने जहां एक ओर दुनियाभर में कई काम आसान कर दिए हैं, वहीं दूसरी ओर यह ठगों के लिए भी बड़ा हथियार बन चुकी है। पहले जहां ठगी के लिए फोटोशॉप या रफ वीडियो एडिटिंग का सहारा लिया जाता था, वहीं अब ए.आई. की मदद से असली जैसी दिखने वाली वीडियो तैयार की जा रही हैं, जिनमें मशहूर हस्तियों को कुछ भी कहते या करते हुए दिखाया जा सकता है।
साइबर एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि सोशल मीडिया पर किसी भी संदिग्ध लिंक, ऑफर या वीडियो पर क्लिक करने से पहले उसकी सच्चाई की जांच ज़रूर करें। किसी भी तरह के इनाम या ऑफर के लिए बैंक डिटेल या पैसे न भेजें। साथ ही, बच्चों को भी ऑनलाइन सेफ्टी के बारे में जागरूक करें ताकि वे इस तरह के फर्जी कंटेंट के जाल में न फंसें।