Edited By Urmila,Updated: 14 Jul, 2025 11:15 AM

वार्ड नंबर 22 के तहत आते संतोषी नगर गुरुद्वारे वाली गली और आसपास का पूरा इलाका बीते 15 दिनों से सीवरेज के गंदे पानी में डूबा हुआ है।
जालंधर (खुराना): वार्ड नंबर 22 के तहत आते संतोषी नगर गुरुद्वारे वाली गली और आसपास का पूरा इलाका बीते 15 दिनों से सीवरेज के गंदे पानी में डूबा हुआ है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने कई बार नगर निगम को शिकायत दी, हैल्पलाइन नंबर पर कॉल कर समस्या से अवगत कराया, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। लोगों ने बताया कि क्षेत्र के पार्षद लव रोबिन को भी इस गंभीर समस्या की जानकारी दी गई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। इलाके में एक मंदिर भी स्थित है और सावन का महीना चलने के कारण लोग नियमित रूप से पूजा-पाठ करने मंदिर जा रहे हैं, लेकिन उन्हें गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है।
इलाके के बच्चों को इसी गंदे पानी से होकर स्कूल जाना पड़ता है, जिससे कई बच्चों और बड़ों में चर्म रोग, खुजली, बुखार जैसी बीमारियां फैल रही हैं। दुकानदारों का कहना है कि गंदे पानी के कारण उन्हें अपनी किराने की दुकानें बंद करनी पड़ी हैं, क्योंकि कोई ग्राहक सामान खरीदने नहीं आ रहा है। स्थानीय निवासी चांदनी, अनु, आंचल, सुषमा, कालूराम और जोशी ने बताया कि अब लोगों का सब्र टूट रहा है। लोगों ने चेतावनी दी कि यदि बुधवार तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो वे वीरवार को नगर निगम का घेराव करेंगे।
दूसरी ओर, वार्ड नंबर 22 के पार्षद लव रोबिन ने सफाई देते हुए कहा है कि शनिवार और रविवार की छुट्टियों के कारण सीवरेज का काम शुरू नहीं हो सका, लेकिन सोमवार को वे स्वयं मौके पर मौजूद रहकर सीवरेज खुलवाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
मेयर के वार्ड के साथ लगती मधुबन कॉलोनी में सीवरेज जाम से बुरे हाल
मेयर वनीत धीर के वार्ड के बिल्कुल साथ लगती मधुबन कॉलोनी जो मछली मार्कीट और नहर से सटी हुई है, पिछले 20 दिनों से गंभीर सीवरेज समस्या से जूझ रही है। इस कालोनी की गलियां अब नहर का रूप ले चुकी हैं और लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गंदा पानी घरों के आसपास और खाली प्लॉटों में लगातार भरता जा रहा है, जिससे बीमारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि उन्होंने वार्ड की पार्षद मधु बाला शर्मा और बोबी शर्मा से इस बारे में व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की थी। लोगों ने एकजुट होकर दोनों के घर जाकर उन्हें समस्या से अवगत कराया। पार्षद ने भरोसा दिलाया था कि एक दिन के भीतर समस्या हल हो जाएगी, लेकिन 20 दिन बीतने के बाद भी हालात जस के तस हैं। लोगों ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि पार्षद ने फोन नंबर भी दिए थे, लेकिन अब वे फोन उठाना भी बंद कर चुके हैं।

क्षेत्रवासी रंजीत, कृष्णा, साहिल, राजवीर और सीतापुरिया ने बताया कि वे कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। उनका कहना है कि चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन बाद में जनप्रतिनिधि दरवाज़ा तक नहीं खोलते। आम आदमी पार्टी का कोई नेता भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। बरसात के मौसम में गंदे पानी की निकासी ना होने से संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही समाधान नहीं हुआ, तो वे नगर निगम जाकर नगर निगम कमिश्नर और मेयर से मुलाकात कर अपनी समस्या से अवगत कराएंगे।
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