Edited By Vatika,Updated: 05 Nov, 2024 09:48 AM
शिरोमणि अकाली दल के सरपरस्त और पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल के राजनीतिक
चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल के सरपरस्त और पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल के राजनीतिक भविष्य का अब फैसला होगा। श्री अकाल तख्त ने सिख विद्वानों और बुद्धिजीवियों की 6 नवम्बर को बैठक आमंत्रित की है। श्री अकाल तख्त सचिवालय में होने वाली इस बैठक में सुखबीर बादल के तनखाइया मामले और धार्मिक सजा को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह द्वारा बुलाई गई बैठक में 18 सिख विद्वान और बुद्धिजीवी हिस्सा लेंगे।
ध्यान रहे शिरोमणि अकाली दल से नाराज बागी अकाली नेताओं ने सर्वोच्च सिख धार्मिक पीठ श्री अकाल तख्त साहिब को शिकायत दी थी कि अकाली सरकार के दौरान पंजाब में वर्ष 2007 से लेकर वर्ष 2017 के दौरान धर्म से संबंधित कई गलतियां की गई थी जो सिखों के हित में नहीं थी। जिसके बाद श्री अकाल तख्त साहिब ने 30 अगस्त को सुखबीर बादल को तनखाइया घोषित किया था। उसके बाद से .लेकर अब तक सिख धर्मगुरुओं ने सुखबीर बादल को धार्मिक सजा नहीं सुनाई है। सुखबीर के तनखाइया होने की वजह से श्री अकाल तख्त ने सुखबीर को विधानसभा उपचुनावों में हिस्सा लेने या प्रचार करने की छूट भी नहीं प्रदान की थी। जिसकी वजह से शिरोमणि अकाली दल ने विधानसभा उपचुनावों का मैदान भी छोड़ दिया था। हालांकि एस.जी.पी.सी. के चुनाव में अकाली दल के उम्मीदवार को ही एस.जी.पी.सी. अध्यक्ष की कमान मिली।
श्री अकाल तख्त सचिवालय में होने वाली बैठक में सिख विद्वानों, बुद्धिजीवियों में अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार मंजीत सिंह, पंजाबी यूनिवर्सिटी के पूर्व वी.सी. जसपाल सिंह, इंद्रजीत सिंह गोगोआनी, अमरजीत सिंह, हरसिमरन सिंह, जसपाल सिंह सिद्धू और हमीर सिंह के शामिल होने की उम्मीद है। एक विशेषज्ञ का कहना है कि श्री अकाल तख्त सचिवालय में होने वाली इस बैठक में सुखबीर बादल की धार्मिक गलती पर विचार किया जाएगा कि और किस किस्म की सजा दी जा सकती है। सुखबीर को सजा सुनाने से पहले जत्थेदारों की भी एक बैठक की जाएगी और सजा सुनाने के समय सुखबीर बादल भी श्री अकाल तख्त साहिब पर हाजिर रहेंगे।
श्री अकाल तख्त है सर्वोच्च सिख पीठ : ढींढसा
पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ अकाली नेता परमिंदर सिंह ढींढसा ने कहा कि श्री अकाल तख्त सुखबीर बादल को लेकर जो भी धार्मिक सजा सुनाएंगे, वह हर सिख को मंजूर होगी। धार्मिक सजा के मायने यही होते हैं कि श्री अकाल तख्त सर्वोच्च सिख पीठ है, बाकी सब उसके बाद आते हैं। शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह धूंदड़ ने कहा कि श्री अकाल तख्त पर सिख विद्वानों और बुद्धिजीवियों की बैठक में जो भी विचार किया जाएगा या फैसला लिया जाएगा, उसको सारा सिख समुदाय हाथ जोड़कर स्वीकार करेगा।