सरकारी नशा मुक्ति केंद्रों में लाखों का घोटाला, हुआ ये खुलासा

Edited By Kalash,Updated: 15 Oct, 2025 02:08 PM

de addiction centers scam

यह पूरा मामला स्वास्थ्य मंत्री पंजाब के संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

तरनतारन (रमन): जिले में सरकारी नशा मुक्ति केंद्रों में मरीजों को दी जाने वाली बुपिरोनोर्फिन दवा के बड़े पैमाने पर घोटाले की जांच कर रहे सहायक सिविल सर्जन तरनतारन को एक विदेशी नंबर से फोन करके जान से मारने की धमकी मिलने का मामला सामने आया है। यह पूरा मामला स्वास्थ्य मंत्री पंजाब के संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि जिले भर के नशा मुक्ति केंद्रों में कथित तौर पर लाखों रुपए का घोटाला लंबे समय से चल रहा है, जिसमें कई कर्मचारी पहले भी फर्जी डिग्रियों के सहारे काम कर चुके हैं।

जानकारी के अनुसार, जिले के डिप्टी कमिश्नर राहुल को विभिन्न लोगों द्वारा शिकायत की जा रही थी कि बुपिरोनोर्फिन नामक दवा को बेचने का काला धंधा बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करते हुए जारी है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. गुरप्रीत सिंह राय द्वारा पिछले दिनों तीन टीमों का गठन किया गया था, जिसमें मनोचिकित्सक डॉ. विनोद कुमार, पुनर्वास केंद्र के डॉ. नवदीप कौर बुट्टर और सहायक सिविल सर्जन डॉ. जसप्रीत सिंह शामिल थे।

पिछले दिनों में तीनों सदस्यों ने जिले भर के विभिन्न नशा मुक्ति केंद्रों की जांच शुरू की थी, जिसके दौरान विभिन्न केंद्रों में मरीजों को दी जाने वाली दवा में हेराफेरी देखी गई थी। इन टीमों द्वारा शुरू की गई जांच के दौरान नशा मुक्ति केंद्र कैरों, भिखीविंड, खेमकरण, किरतोवाल, खडूर साहिब, डालेके में कई कमियां पाई गईं। इसके बाद जिन केंद्रों में हेरा-फेरी पाई गई थी, वहां मौजूद स्टाफ को सिविल सर्जन डॉ. गुरप्रीत सिंह राय और जिला मेडिकल कमिश्नर डॉ. रूपम चौधरी ने इधर से उधर भेज दिया था।

जानकारी के अनुसार दूसरी जगह बदले गए कुछ स्टाफ ने वहां भी हेरा-फेरी और काम में ढिलाई बरतनी शुरू कर दी थी। इस संबंध में सिविल सर्जन कार्यालय ने काम में कोताही बरतने वाले कर्मचारियों से दो बार जवाब मांगा, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। जानकारी के अनुसार नशा मुक्ति केंद्र कैरों और डालेके में मरीजों की फर्जी आई.डी. बनाकर रोजाना बड़ी मात्रा में करीब 400 ब्यूपिरोनॉर्फिन गोलियों की हेराफेरी की जा रही थी, जो बाजार में ऊंचे दामों पर बेची जा रही थी।

इस काले कारोबार की जांच कर रही टीम के सदस्य व सहायक सिविल सर्जन डॉ. जसप्रीत सिंह को दो दिन पहले एक जर्मन नंबर से आए फोन पर व्यक्ति ने जान से मारने की धमकी दी है। फोन करने वाले ने सहायक सिविल सर्जन को धमकाते हुए कहा कि आप कर्मचारियों को परेशान कर रहे हो और क्या आपको अपनी जान की परवाह नहीं है। इस संबंध में सहायक सिविल सर्जन डॉ. जसप्रीत सिंह ने यह पूरा मामला स्वास्थ्य मंत्री पंजाब डॉ. बलबीर सिंह के ध्यान में लाया है, साथ ही, डी.एस.पी. पट्टी लवकेश सैनी को एक लिखित शिकायत दर्ज करवाई।

सहायक सिविल सर्जन डा. जसप्रीत सिंह ने बताया कि सिविल सर्जन के आदेश पर जिले भर के नशा मुक्ति केंद्रों में दी जाने वाली बूपीरोनॉरफिन दवा में बड़े पैमाने पर हेरा-फेरी का मामला सामने आ रहा है। इस संबंध में वह सरकार के आदेशों के चलते जांच को आगे बढ़ा रहे थे, लेकिन फोन करने वाले ने पंजाबी में बात करते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी दी और कर्मचारियों को परेशान करने की बातों से साफ है कि यह धमकी चल रही जांच से जुड़ी है। डॉ. जसप्रीत सिंह ने बताया कि उन्होंने पुलिस प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगाते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

क्या कहते हैं सिविल सर्जन

इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. गुरप्रीत सिंह राय ने बताया कि यह पूरा मामला स्वास्थ्य मंत्री पंजाब डॉ. बलबीर सिंह के संज्ञान में आ गया है, जिन्होंने जिले के एस.एस.पी. को तुरंत मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं।

क्या कहते हैं डी.एस.पी.

इस संबंध में डी.एस.पी. पट्टी लवकेश सैनी ने बताया कि पुलिस द्वारा इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है, साथ ही बनती कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है।

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