पंजाबियो सावधान... बारिश और बाढ़ के बाद अब फैलने लगी खतरनाक बीमारियां

Edited By Kamini,Updated: 12 Sep, 2025 01:59 PM

dangerous diseases in punjab

जगह-जगह बारिश का पानी जमा होने से अब तरह-तरह की भयानक बीमारियों के फैलने का डर सताने लगा है।

तरनतारन (रमन चावला): जगह-जगह बारिश का पानी जमा होने से अब तरह-तरह की भयानक बीमारियों के फैलने का डर सताने लगा है। इस बरसात के मौसम में मच्छरों का प्रकोप भी तेज हो गया है। जिसके चलते लोग अपना शिकार बना रहे हैं और लोग तेज बुखार के अलावा अन्य बीमारियों का शिकार होते नजर आ रहे हैं। डेंगू, मलेरिया, चिकन पॉक्स के अलावा लोगों में डायरिया, त्वचा व पेट की बीमारियों जैसी भयानक बीमारियों के फैलने का डर बना हुआ है, जिसे लेकर स्वास्थ्य विभाग कमर कस रहा है और जहां जगह-जगह मुफ्त मेडिकल जांच कैंप लगाए जा रहे हैं, वहीं उनके खून के नमूनों की भी जांच की जा रही है। बता दें कि अब तक जिले भर में कुल 27 डेंगू और एक मलेरिया के मरीज सामने आ चुके हैं।

हर साल की तरह इस बार भी बरसात के मौसम में मच्छरों का प्रकोप तेज हो गया है, जिसके चलते लोग और बच्चे डायरिया, त्वचा व पेट की बीमारियों के अलावा मलेरिया, चिकन पॉक्स, डेंगू और टाइफाइड जैसी भयानक बीमारियों का शिकार होने लगे हैं। जिसके चलते जहां सरकारी अस्पतालों में लोग अपना इलाज कराते देखे जा सकते हैं, वहीं निजी लैब, क्लीनिक और अस्पतालों में भी काफी भीड़ देखने को मिल रही है।

डेंगू और मलेरिया के लक्षण क्या हैं?

इस संबंध में जानकारी देते हुए, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, पंजाब के सेवानिवृत्त निदेशक डॉ. शमशेर सिंह ने बताया कि ठंड लगने, तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, थकान, उल्टी आदि होने पर व्यक्ति को तुरंत किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क कर अपने रक्त की जांच करवानी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस बरसात के मौसम में लोग डेंगू, मलेरिया और चिकन पॉक्स जैसी भयानक बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिना विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा लेने से बचना चाहिए। तेज बुखार होने पर लोग डॉक्टर की सलाह से पैरासिटामोल दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं। डॉ. शमशेर सिंह ने लोगों से इस बरसात के मौसम में अपना और अपने परिवार का विशेष ध्यान रखने की अपील की।

कैसे बचा जा सकता है

इस संबंध में जानकारी देते हुए सिविल अस्पताल तरनतारन में तैनात डॉ. नवप्रीत सिंह और रबिंदर चौधरी ने संयुक्त रूप से बताया कि इस बरसात के मौसम में अस्पताल में तेज बुखार, उल्टी और संक्रमण के मरीज़ों की संख्या बढ़ रही है, जिनका मुफ़्त इलाज किया जा रहा है और उन्हें मुफ़्त दवाइयां भी दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस मौसम में कुछ सावधानियां बरतकर बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें, मच्छर भगाने वाली क्रीम और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और लगातार 7 दिनों तक अपने घर के आसपास पानी जमा न होने दें। छतों और घर के आसपास जमा पानी को नष्ट कर दें या उसमें काला तेल डाल दें।

इस संबंध में जानकारी देते हुए जिले के महामारी विशेषज्ञ अधिकारी डॉ. राघव गुप्ता ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी के कारण लोग डायरिया, मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू आदि बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। जिसके चलते उनकी टीमें लगातार लोगों को जागरूक कर रही हैं, वहीं जरूरत के अनुसार लोगों के रक्त के नमूने भी जांचे जा रहे हैं। डॉ. राघव ने बताया कि इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की टीमें रोडवेज वर्कशॉप, पुलिस लाइन, जेल, नगर कौंसिल तरनतारन कार्यालय, बस स्टैंड व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं और हर शुक्रवार को डेंगू पर वार अभियान के तहत कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से फॉगिंग भी की जा रही है ताकि पैदा हो रहे मच्छरों को खत्म किया जा सके।

इस संबंध में जानकारी देते हुए जिले के सिविल सर्जन डॉ. गुरप्रीत सिंह राय ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री पंजाब द्वारा जारी आदेशों और जिला उपायुक्त राहुल से प्राप्त सख्त निर्देशों के अनुसार लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए उचित प्रबंध किए गए हैं और काफी प्रयास किए गए हैं। अब बताया गया कि स्वास्थ्य कर्मी अलग-अलग इलाकों में लोगों को डेंगू और मलेरिया के बारे में जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे लगातार सात दिनों तक अपने आस-पास साफ पानी जमा न होने दें। उन्होंने बताया कि टीमें संदिग्ध इलाकों में छिड़काव भी कर रही हैं। सिविल सर्जन डॉ. गुरप्रीत सिंह राय ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से की गई जांच के परिणामस्वरूप अब तक डेंगू के 27 मरीज और मलेरिया का एक मरीज पाया गया है, जिनका सफलतापूर्वक और मुफ्त इलाज किया गया है।

जालंधर में 5 लोगों की डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव आई

बता दें कि जालंधर में मरीज शहरी और 9 ग्रामीण इलाकों के निवासी हैं। ज़िला महामारी विशेषज्ञ डॉ. आदित्य पाल ने बताया कि गुरुवार को जिन डेंगू संदिग्ध मरीज़ों के सैंपल लिए गए थे, उनमें से 5 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और इनमें से 3 मरीज दूसरे ज़िलों के पाए गए हैं। डॉ. आदित्य ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की एंटी-लार्वा टीमों ने गुरुवार को 3065 घरों में सर्वे किया और उन्हें 15 जगहों पर डेंगू बुखार फैलाने वाले मच्छरों के लार्वा मिले। विभाग की टीमों ने अब तक जिले में 408757 घरों का सर्वे किया है और इस दौरान उन्हें 1122 घरों और 1258 कंटेनरों में लार्वा मिले, जिन्हें उन्होंने पूरी तरह नष्ट कर दिया।

डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव के लिए मच्छरों की रोकथाम ज़रूरी

बाढ़ और बारिश को ध्यान में रखते हुए, डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव और उपचार बेहद ज़रूरी है। इस संबंध में जानकारी देते हुए सिविल अस्पताल जैतो के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. वरिंदर कुमार एमडी (मेडिसिन), डॉ. राजबीर कौर चिकित्सा अधिकारी और डॉ. डॉली अग्रवाल ईएनटी विशेषज्ञ ने बताया कि बाढ़ और बारिश के मौसम के कारण डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा बढ़ जाता है।

डेंगू और चिकनगुनिया का इलाज संभव है। ये एडीज नामक मच्छर के काटने से फैलते हैं। तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते, आंखों के पीछे दर्द, मसूड़ों और नाक से खून आना आदि डेंगू के लक्षण हो सकते हैं। तेज बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द और सूजन, त्वचा पर चकत्ते और खुजली आदि चिकनगुनिया के लक्षण हो सकते हैं। यह मच्छर साफ, स्थिर पानी के स्रोतों में पनपता है और केवल दिन के समय ही काटता है। सरकारी अस्पतालों में डेंगू और चिकनगुनिया की जांच और इलाज मुफ्त है।

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