Edited By Vatika,Updated: 27 Dec, 2025 04:40 PM

सर्दियों के मौसम और खराब मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट मंत्री लाल चंद
चंडीगढ़: सर्दियों के मौसम और खराब मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक्क की अगुवाई में वन एवं वन्य जीव संरक्षण विभाग, पंजाब ने छतबीड़ स्थित महिंदर चौधरी जूलॉजिकल पार्क में जानवरों एवं पक्षियों को ठंड से बचाने के लिए व्यापक और विशेष प्रबंध किए हैं।
विभाग द्वारा मांसाहारी जानवरों जैसे बाघ, शेर, चीता एवं अन्य बिल्ली प्रजातियों के लिए रात के आश्रय स्थलों में रूम हीटर और हीट कन्वेक्टर लगाए गए हैं। इसके साथ ही सभी खिड़कियों और खुले हिस्सों को पॉलीथीन व फाइबर शीट तथा सरकंडे की घास से बनी छतों से ढका गया है। विशेष रूप से वृद्ध और कम उम्र के जानवरों के लिए अतिरिक्त तापमान नियंत्रण व्यवस्था की गई है। शाकाहारी जानवरों के लिए तारों और रस्सियों की सहायता से अस्थायी झोपड़ियां तैयार की गई हैं। सभी बाड़ों में वाटरप्रूफ छतों (काली तिरपाल) की व्यवस्था की गई है तथा जानवरों के आराम के लिए पराली और तूड़ी के बिस्तर बिछाए गए हैं।

पक्षियों को ठंड और बारिश से सुरक्षित रखने के लिए उनके पिंजरों को फाइबर कपड़े, जूट मैट और पॉलीथीन शीट से ढका गया है। पक्षियों के घोंसलों में पराली, तूड़ी और चावल के भूसे के बिस्तर लगाए गए हैं। पिंजरों के ढक्कनों को आगे से फोल्ड होने योग्य बनाया गया है ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें धूप में खोला जा सके। विशेष रूप से तीतरों के पिंजरों में घास और धान के ढांचे का प्रयोग कर आरामदायक माहौल सुनिश्चित किया गया है। रेंगने वाले जंतुओं के लिए उनकी बिलों पर ऑयल फिन हीटर लगाए गए हैं, जो प्राकृतिक नमी को प्रभावित नहीं करते।

इसके अलावा उनके सेलों में सूखे पत्ते, तूड़ी और भारी कंबलों की व्यवस्था की गई है। रेंगने वाले जंतुओं के सेक्शन में यूवी लैंप लगाए गए हैं। वहीं कछुओं एवं पानी में रहने वाले कछुओं के लिए वाटर सर्कुलेशन सिस्टम वाले विशेष एक्वेरियम वाटर हीटर भी स्थापित किए गए हैं। वन एवं वन्य जीव संरक्षण विभाग ने स्पष्ट किया कि छतबीड़ चिड़ियाघर में सभी जानवरों और पक्षियों के लिए साफ-सुथरा, सुरक्षित और अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है।