पंजाबियों के लिए CM Mann का बड़ा कदम, अब एक कॉल पर मिलेगी बड़ी सहूलियत

Edited By Urmila,Updated: 22 Aug, 2025 02:36 PM

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जानकारी देते हुए, डेरा बाबा नानक के विधायक गुरदीप सिंह रंधावा ने कहा कि यह पहल एक सिंगल विंडो प्लेटमार्म के तहत कई महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करती है।

गुरदासपुर (हरमन) : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दृष्टिकोण के अनुरूप आपातकालीन सेवाओं को और अधिक सुलभ और कुशल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पंजाब पुलिस ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी (एन.एच.ए.आई.) हेल्पलाइन 1033 और साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 को एकीकृत कर अब डायल 112 से जोड़ दिया है। पंजाब की इस एकीकृत संकट प्रतिक्रिया प्रणाली के माध्यम से, नागरिक अब केवल 112 डायल करके हाईवे हादसों और अन्य वाहन संबंधी समस्याओं के साथ-साथ वित्तीय धोखाधड़ी और साइबर अपराधों की भी रिपोर्ट कर सकते हैं।

इस संबंध में जानकारी देते हुए, डेरा बाबा नानक के विधायक गुरदीप सिंह रंधावा ने कहा कि यह पहल एक सिंगल विंडो प्लेटमार्म के तहत कई महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करती है और तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए आसान पहुंच सुनिश्चित करती है। उन्होंने कहा कि पहले नागरिकों को धोखाधड़ी या सड़क दुर्घटनाओं की सूचना देने के लिए खास हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करना पड़ता था, जिससे उन्हें अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर याद रखना मुश्किल हो जाता था। अब तक, 112 हेल्पलाइन का उपयोग केवल राज्य भर में हो रहे विभिन्न अपराधों की सूचना देने के लिए किया जाता था।

विधायक गुरदीप सिंह रंधावा ने कहा कि अब चाहे आप हाईवे पर किसी मुसीबत में फंसे हों या साइबर धोखाधड़ी का शिकार हों, 112 पर सिर्फ एक कॉल से आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा। उन्होंने बताया कि 112 या 1033 पर डायल की गई सभी हाईवे संकट कॉल अब पुलिस संसाधनों और एन.एच.ए.आई., दोनों से जुड़ गई हैं ताकि त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, साइबर अपराध के शिकार लोग 112 या 1930 डायल कर सकते हैं, जहां उनकी शिकायतें सीधे तौर पर राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर दर्ज की जाती हैं।

डायल 112 को पंजाब की आपातकालीन प्रतिक्रिया का केंद्र बताते हुए, विधायक गुरदीप सिंह रंधावा ने कहा कि इस एकीकरण ने इस सुविधा को वास्तव में एक एकीकृत मंच में बदल दिया है, जिसमें पुलिस, अग्निशमन, एम्बुलेंस, आपदा, राजमार्ग सुरक्षा और साइबर अपराध एक ही स्थान पर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि यह प्रणाली 257 आपातकालीन प्रतिक्रिया वाहनों (ई.आर.वी.) और 144 समर्पित सड़क सुरक्षा बल (एस.एस.एफ.) वाहनों द्वारा संचालित है, जो राज्य भर के राजमार्गों पर त्वरित और तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए तैनात हैं।

विधायक रंधावा ने कहा कि पंजाब सरकार ने इस सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और नए ई.आर.वी. के लिए 100 करोड़ रुपये और डायल 112 मुख्यालय भवन के लिए 53 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है, जिससे देश की सबसे उन्नत और नागरिक-केंद्रित आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली का मार्ग साफ हुआ है।

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