Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Feb, 2018 11:54 AM
रीयल एस्टेट रैगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) पंजाब ने पंजीकरण फीस की अदायगी के उद्देश्य से एक सर्कुलर जारी किया है ताकि प्रोमोटरों को पता लग सके कि उनका कौन-सा प्रोजैक्ट किस श्रेणी में आता है और उसकी कितनी फीस अदा करनी है।
चंडीगढ़ (ब्यूरो): रीयल एस्टेट रैगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) पंजाब ने पंजीकरण फीस की अदायगी के उद्देश्य से एक सर्कुलर जारी किया है ताकि प्रोमोटरों को पता लग सके कि उनका कौन-सा प्रोजैक्ट किस श्रेणी में आता है और उसकी कितनी फीस अदा करनी है।
सर्कुलर में स्पष्ट है कि विला (बंगला) के निर्माण या निजी प्लॉटों पर इंडीपैंडैंट मंजिलों के निर्माण के लिए कितनी पंजीकरण फीस देनी है। रेरा एक्ट के सैक्शन-2 में ‘अपार्टमैंट’ की परिभाषा का हवाला देते हुए सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि अपार्टमैंट को चाहे ब्लाक कहा जाए या चैंबर, निवास स्थान, फ्लैट, कार्यालय, शोरूम, दुकान, गोदाम, सुइट, रिहायश की इकाई या किसी भी अन्य नाम से बुलाया जाए अर्थात एक अलग अचल संपत्ति जिसमें किसी इमारत या प्लॉट की एक या एक से अधिक मंजिलों या कोई भाग जो रिहायश या व्यापारिक उद्देश्य के लिए या व्यापार के इरादे से इस्तेमाल किया जाता हो जैसे रिहायश, दुकान, कार्यालय, शोरूम या गोदाम या किसी व्यापार, व्यवसाय या पेशे से संबंधित या व्यापार का कोई अन्य रूप जो दर्शाए गए उद्देश्य को सिद्ध करने में सहायक हों, को अपार्टमैंट समझा जाएगा।
यह भी स्पष्ट किया गया है कि उपरोक्त परिभाषा के हवाले से विला (बंगला) या निजी प्लॉटों पर इंडीपैंडैंट मंजिलों का निर्माण स्पष्ट तौर पर ‘अपार्टमैंट’ की परिभाषा के अधीन आते हैं क्योंकि ये जमीन पर निर्माण स्वतंत्र रिहायशी इकाइयां हैं इसलिए ये सभी प्रोजैक्ट जो कि नियम के शैड्यूल-1 के अनुसार ‘गु्रप हाऊसिंग’ श्रेणी में आते हैं, को पंजीकरण फीस ग्रुप हाऊसिंग वाली ही देनी होगी।