Edited By Subhash Kapoor,Updated: 15 Sep, 2025 11:12 PM

पूर्व पंजाब मंत्री और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से जुड़े बहुचर्चित (अवैध संपत्ति) मामले में जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में मजीठिया के साले गजपत सिंह ग्रेवाल को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पूछताछ के...
मोहाली : पूर्व पंजाब मंत्री और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से जुड़े बहुचर्चित (अवैध संपत्ति) मामले में जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में मजीठिया के साले गजपत सिंह ग्रेवाल को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पूछताछ के लिए समन जारी किया था, लेकिन सोमवार 15 सितंबर को वे विजिलेंस मुख्यालय, मोहाली में पेश नहीं हुए।
गजपत सिंह ग्रेवाल की गैर-हाज़िरी को गंभीरता से लेते हुए अब विजिलेंस ब्यूरो ने उन्हें ताज़ा नोटिस भेज दिया है। इस नोटिस के अनुसार, उन्हें मंगलवार 16 सितंबर 2025 को सुबह 11 बजे मोहाली के सेक्टर-68 स्थित विजिलेंस भवन में अनिवार्य रूप से उपस्थित होना होगा। बता दें कि गजपत सिंह ग्रेवाल को पहले 15 सितंबर को ही पेश होना था, मगर वे बिना किसी कारण बताए अनुपस्थित रहे। इसके चलते जांच अधिकारी ने उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 की धारा 179 का प्रयोग किया है। इस धारा के तहत यदि कोई व्यक्ति जांच में सहयोग नहीं करता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जा सकते हैं।
कानूनी जानकारों का मानना है कि गजपत सिंह ग्रेवाल इस मामले में अहम कड़ी साबित हो सकते हैं। जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि उनकी गवाही और बयान से मजीठिया से जुड़े वित्तीय लेन-देन और संपत्ति के स्रोतों पर और स्पष्टता आ सकती है। यही कारण है कि विजिलेंस ब्यूरो उनकी हाज़िरी को लेकर सख्ती दिखा रहा है।