Edited By Kamini,Updated: 17 Feb, 2025 02:54 PM

हरजिंदर सिंह धामी द्वारा अचानक SGPC अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के फैसले से पंथिक गलियारों में भूचाल आ गया है।
पंजाब डेस्क : हरजिंदर सिंह धामी द्वारा अचानक SGPC अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के फैसले से पंथिक गलियारों में भूचाल आ गया है। धामी की घोषणा के बाद श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है। सोशल मीडिया पर बात करते हुए ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा है कि हरजिंदर सिंह धामी का इस्तीफा दुखद है। शिरोमणि अकाली दल में 5-7 नेता, जो पंथिक परंपराओं और शिष्टाचार से अनभिज्ञ हैं, अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति तथा एक व्यक्ति विशेष की राजनीति को जीवित रखने के लिए पंथिक संस्थाओं को कमजोर कर रहे हैं।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने आगे कहा कि पंथक सोच का प्रतिनिधित्व करने वालों को अपमानित कर बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है या फिर इस तरह से दबाव बनाया जा रहा है कि व्यक्ति खुद को अलग करने के लिए मजबूर हो जाए। हे अकाल पुरुख जी! अपने गुरु पंथ की संस्थाओं पर दया दृष्टि बनाए रखें।
धामी ने की इस्तीफे घोषणा
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को बर्खास्त करने के फैसले के बाद पैदा हुए हालात के मद्देनजर आज अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने अध्यक्ष और शिरोमणि अकाली दल की भर्ती के लिए गठित 7 सदस्यीय कमेटी के प्रमुख दोनों पदों से इस्तीफा दे दिया। एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने नवंबर 2021 में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष का पदभार संभाला था। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह खुलासा करते हुए कहा कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह को बर्खास्त करने का फैसला आंतरिक कमेटी द्वारा लिया गया था, जिसमें वह और कमेटी अन्य सभी सदस्य मौजूद थे और इस फैसले पर सर्वसम्मति से सहमति बनी। हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि इस मामले में सभी से सलाह ली गई और उसके बाद यह फैसला लिया गया।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here