Edited By Subhash Kapoor,Updated: 17 Apr, 2025 09:36 PM

बठिंडा से बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि बठिंडा में 2 पुलिस कर्मियों को सस्पैंड कर दिया गया है। जानकारी अनुसार थाना सिविल लाइन के एस.एच.ओ. रविंदर सिंह और अडिशनल एस.एच.ओ. बेअंत सिंह को एसएसपी ने ससपेंड कर दिया है।
बठिंडा (विजय वर्मा) : बठिंडा पुलिस प्रशासन ने नशा तस्करी पर नकेल कसते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। थाना सिविल लाइन क्षेत्र में नशा रोकने में विफल रहने पर एसएसपी अमनीत कोंडल ने थाना सिविल लाइन के एसएचओ रविंदर सिंह और एडिशनल एसएचओ बेअंत सिंह को सस्पेंड कर दिया है। यह कार्रवाई वीरवार शाम को की गई, जिसकी पुष्टि खुद एसएसपी अमनीत कोंडल ने की।
धोबीआना बस्ती बनी नशे का गढ़
सूत्रों के अनुसार, थाना सिविल लाइन के अंतर्गत आने वाली धोबीआना बस्ती में लंबे समय से बड़े पैमाने पर चिट्टा (सिंथेटिक ड्रग्स) की तस्करी और बिक्री की शिकायतें मिल रही थीं। स्थानीय लोगों द्वारा एसएसपी और डीआईजी को इस संबंध में कई बार लिखित शिकायतें सौंपी गई थीं। शिकायतों की जांच के बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
वीडियो बना कार्रवाई का आधार
एक वीडियो, जिसका नाम "जिस्ट" बताया जा रहा है, को इस कार्रवाई का आधार बनाया गया। यह वीडियो यूट्यूब पर काफी वायरल हो चुका है, जिसमें धोबीआना बस्ती और बेअंत सिंह नगर में खुलेआम नशा बिकने की जानकारी दी गई थी। हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने इस वीडियो की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
पहली बार हुआ ऐसा सस्पेंशन
यह पहला मामला है जब थाना सिविल लाइन के किसी एसएचओ और एडिशनल एसएचओ को उनके एरिया में नशा रोकने में असफल रहने पर निलंबित किया गया है। इससे साफ संकेत मिलते हैं कि बठिंडा पुलिस अब नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है।
आगे भी जारी रहेगी सख्ती: एसएसपी
एसएसपी अमनीत कोंडल ने स्पष्ट किया कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा, "अगर कोई भी पुलिस कर्मी या अधिकारी नशे के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल पाया गया, तो उसके खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।"
लगातार चल रही सर्च ऑपरेशन
धोबीआना बस्ती और बेअंत सिंह नगर क्षेत्र पहले से ही नशे के मामलों को लेकर बदनाम हैं। पुलिस द्वारा इन इलाकों में पहले भी कई बार कासो अभियान चलाए गए हैं, जिनमें बड़ी संख्या में फोर्स तैनात कर सघन तलाशी की गई। यह कार्रवाई न केवल पुलिस महकमे के लिए चेतावनी है, बल्कि समाज के लिए यह एक सकारात्मक संदेश भी है कि नशा मुक्त बठिंडा की दिशा में प्रशासन गंभीरता से प्रयासरत है।