Edited By Vatika,Updated: 15 Jul, 2019 12:28 PM
बरगाड़ी-बहबल कलां बेअदबी कांड का सच सामने जरूर आना चाहिए। अगर सरकार इतनी बड़ी घटना का सच सामने नहीं ला सकती तो नैतिकता के आधार पर सभी मंत्रियों को इस्तीफे दे देने चाहिए।
बठिंडा/तलवंडी साबो (विजय/मुनीश): बरगाड़ी-बहबल कलां बेअदबी कांड का सच सामने जरूर आना चाहिए। अगर सरकार इतनी बड़ी घटना का सच सामने नहीं ला सकती तो नैतिकता के आधार पर सभी मंत्रियों को इस्तीफे दे देने चाहिए।
सी.बी.आई. द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट सिख कौम को संघर्ष के रास्ते पर ले जाने की तैयारी है। उक्त विचार सरबत खालसा द्वारा लगाए गए तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सी.बी.आई. को केस की जांच सौंपने की मांग कभी भी सिख संगठनों ने नहीं की। बादल सरकार के दौरान भी सिख संगत व जैत्थेबंदियां सरकार से ही इंसाफ चाहती थीं लेकिन बादल सरकार ने अपने गले में से मरा सांप उतारने के लिए केस सी.बी.आई. को सौंप दिया।
सत्ता से बाहर रहते समय कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने सरकार बनने के बाद इंसाफ का वायदा किया था लेकिन सत्ता में आते ही उन्होंने वायदे भुला दिए। अब सी.बी.आई. की क्लोजर रिपोर्ट सामने आ गई है। जत्थेदार दादूवाल ने जत्थेदार ध्यान सिंह मंड से भी सवाल किया कि बरगाड़ी इंसाफ मोर्चे को समाप्त करते वक्त उन्होंने कहा था कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह के साथ सारी बातचीत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि डेरा प्रमुख व भाजपा की बढ़ रही नजदीकियों के कारण ही डेरे के चेलों को लगातार जमानतें मिलनी शुरू हो गई हैं व उन्हें बेकसूर साबित करने के लिए क्लोजर रिपोर्ट पेश की जा रही है। अगर यही माहौल रहा तो सिख कौम को इंसाफ लेने के लिए सड़कों पर आना पड़ेगा।