Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Dec, 2017 01:34 PM
बाल भारती पब्लिक स्कूल दुगरी में आज उस समय विवाद हो गया जब दूसरी कक्षा में पढ़ते तुषार नामक बच्चो को परीक्षा में स्कूल फीस की अदायगी न होने के कारण बैठने नहीं दिया गया। जबकि दूसरी तरफ ब‘चे के पेरैंट्स ने इस बेबुनियाद आरोप को खारिज करते हुए यह स्पष्ट...
लुधियाना (सलूजा, विक्की): बाल भारती पब्लिक स्कूल दुगरी में आज उस समय विवाद हो गया जब दूसरी कक्षा में पढ़ते तुषार नामक बच्चो को परीक्षा में स्कूल फीस की अदायगी न होने के कारण बैठने नहीं दिया गया। जबकि दूसरी तरफ ब‘चे के पेरैंट्स ने इस बेबुनियाद आरोप को खारिज करते हुए यह स्पष्ट किया है कि उन्होंने अपने ब‘चे की फीस बकायदा समय पर नैशनल इलैक्ट्रोनिक फंड्ज ट्रांसफर के माध्यम से की है।
तुषार के पिता मुकेश भंडारी ने स्कूल मैनेजमैंट पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके ब‘चे का भविष्य खराब करने के लिए ही परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया। आज सुबह तुषार के स्कूल टीचर का यह फोन आया कि आज आप तुषार को स्कूल न भेजें। जब उन्होंने टीचर से इसकी वजह पूछी तो आगे से यह जवाब मिला कि अप्रैल महीने से स्कूल फीस पैंडिंग है इसलिए वह आज की परीक्षा में नहीं बैठ सकेगा। वह अपने ब‘चे तुषार को स्कूल छोडऩे के लिए जब स्कूल कैंपस के गेट पर पहुंचे तो स्कूल टीचर ने स्कूल में एंट्री करने नहीं दी और यह कह दिया कि आप तुषार को घर वापस ले जाओ। स्कूल की इस धक्केशाही के खिलाफ कई पेरैंट्स व उनके समर्थकों ने डी.सी. प्रदीप कुमार अग्रवाल को लिखित तौर पर शिकायत देते हुए सारे मामले से अवगत करवा दिया और इंसाफ की पुरजोर मांग की।
डी.सी. ने पेरैंट्स की शिकायत पर एक्शन लेते हुए डी.ई.ओ. एलीमैंट्री जसप्रीत कौर को जांच रिपोर्ट सौंपने के आदेश जारी कर दिए। इसके बाद पेरैंट्स अपनी फरियाद लेकर सर्वशिक्षा अभियान ऑफिस पहुंचे और जिला डिप्टी शिक्षा अधिकारी कुलदीप सिंह से मुलाकात की। स्कूल की तरफ से पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए यह सफाई दी गई कि यदि समय पर पेरैंट्स द्वारा स्कूल फीस की अदायगी नहीं होगी तो फिर स्कूल कैसे चलेगा और किस तरह टीचरों की तनख्वाह दी जा सकेगी। यह भी कहा गया कि पेरैंट्स को स्कूल फीस देने के लिए काफी समय दिया और कई बार रिमांइडर जारी किए गए। इसके बावजूद फीस नहीं दी गई। उक्त अधिकारी ने स्कूल को एक लिखित पत्र जारी करके यह पूछा है कि आज दूसरी कक्षा में पढऩे वाले ब"ो तुषार को स्कूल में क्यों नहीं दाखिल होने दिया गया। यदि फीस को लेकर कोई समस्या पैदा हुई है तो स्कूल प्रबंधको को पेरैंट्स के साथ बैठकर सुलझा लेना चाहिए था न कि ब"ो को परेशान किया जाता।