Edited By Vatika,Updated: 12 Feb, 2024 10:44 AM
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सैल्फ मैडीकेशन के नुकसान के बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं आइए उनके विचार पढ़े:-
जालंधर (रत्ता): आजकल की भागदौड़ एवं तनावग्रस्त जिंदगी के कारण अधिकांश लोगों को हर रोज किसी न किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना करना पड़ता है और ऐसे में लोग समय एवं कुछ पैसे बचाने के लिए अपनी मर्जी से ही दवाई खा लेते हैं, जिससे उन्हें बाद में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इसी के साथ सैल्फ मैडीकेशन का प्रचलन भी आजकल काफी बढ़ गया है और हर आदमी ही डॉक्टर बना हुआ है। लोगों को इस बात का जरा भी ज्ञान नहीं होता कि विशेषज्ञ डॉक्टर की मर्जी के बिना दवाई खाना कभी-कभी खतरनाक भी साबित हो सकता है तथा उनकी यह गलती उनके स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। कुछ लोग पैसे बचाने के चक्कर में विशेषज्ञ से जांच करवाए बिना आसपास के ही किसी केमिस्ट से दवाई लेकर खा लेते हैं और फिर जब कोई फर्क नहीं पड़ता तो आखिर उन्हें डॉक्टर के पास ही भागना पड़ता है। ऐसे में जहां उनके पैसों की बर्बादी होती है वहीं कई बार छोटी सी बीमारी भी गंभीर रूप धारण कर चुकी होती है। सैल्फ मैडीकेशन के नुकसान के बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं आइए उनके विचार पढ़े:-
टैगोर अस्पताल एंड हार्ट केयर सेंटर के प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. निपुण महाजन का कहना है कि जहां हर दवाई का अच्छा प्रभाव होता है वही कुछ दवाइयों के साइड इफैक्ट भी होते हैं जिस संबंधी आम आदमी जागरूक नहीं होता। कई बार रोगी को बीमारी तो गंभीर होती है लेकिन उसके लक्षण नॉर्मल होते हैं। उन्होंने बताया कि उदाहरण के तौर पर कई बार रोगी को पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द या छाती में जलन होती है तो वह इसे पेट गैस की समस्या समझ कर खुद ही दवाई खाना शुरू कर देता है जबकि यह हार्ट अटैक की निशानी भी हो सकती है। डॉ. निपुण ने कहा कि किसी भी प्रकार की दवाई खाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना बहुत जरूरी होता है।
एन.एच.एस. (नासा और हब सुपर स्पैशलिटी) अस्पताल के डायरैक्टर एवं प्रमुख न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संदीप गोयल का कहना है हर इंसान जिंदगी में कई बार सिर दर्द का शिकार होता है और सिर दर्द एक ऐसी बीमारी है जिसे आमतौर पर लोग बीमारी नहीं समझते तथा सिर दर्द होने की स्थिति में अपनी मर्जी से ही दवाई खा लेते हैं जिसे बाद में कई बार यह गंभीर बीमारी बन जाती है। उन्होंने बताया कि ऐसे लोगों को इस बात का यह ज्ञान नहीं होता की दर्द निवारक दवाइयों का अत्यधिक सेवन किडनिया खराब कर सकता है। डॉ. संदीप ने कहा कि किसी भी बीमारी की दवाई खाने से पहले बीमारी की जांच करवाना आवश्यक होता है।
आरती अस्पताल की प्रमुख बांझपन एवं महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. आरती गुप्ता का कहना है कि कुछ महिलाएं गर्भावस्था के दौरान बुखार एवं दर्द इत्यादि की कोई ऐसी दवाई अपनी मर्जी से खा लेती हैं जोकि कई बार इतनी खतरनाक साबित हो जाती है क्योंकि उससे जहां उनके पेट में पल रहे बच्चे में कई प्रकार के विकार उत्पन्न हो जाते हैं वही गर्भपात होने तक की नौबत भी आ जाती है। उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दौरान अपनी मर्जी से किसी भी दवाई का सेवन नहीं करना चाहिए।
सिग्मा चिल्ड्रन अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्विनी मल्होत्रा का कहना है कि जहां बड़े लोग अपनी मर्जी से दवाई खा लेते हैं, वहीं कई माता-पिता अपने बच्चों को भी बुखार इत्यादि की स्थिति में घर में पड़ी कोई दवाई उठा कर दे देते हैं जो कि गलत है। उन्होंने कहा कि बच्चे को दवाई खिलाने से पहले यह जानना बहुत जरूरी होता है कि आखिर उसे समस्या क्या है। छोटे बच्चे पेट, कान, बाजू या अन्य किसी हिस्से में हो रही दर्द को तो बता नहीं पाते, इसलिए विशेषज्ञ से जांच करवाने के उपरांत ही बच्चों को दवाई देनी चाहिए।