Edited By Radhika Salwan,Updated: 13 Jul, 2024 01:38 PM
इस मौके पर जानकारी देते हुए ट्रक यूनियन के पूर्व अध्यक्ष आरोप लगाते हुए कहते हैं कि मौजूदा अध्यक्ष ट्रक यूनियन द्वारा कथित तौर पर एक नया तुगलकी फरमान जारी किया गया है।
भवानीगढ़,(कांसल): स्थानीय ट्रक यूनियन के ट्रक ऑपरेटरों ने यूनियन के वर्तमान अध्यक्ष पर एक फैक्ट्री के जूस ट्रांसपोर्टेशन शुल्क में ऑपरेटरों से 1.35 प्रतिशत की अवैध कटौती करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी की।
इस मौके पर जानकारी देते हुए ट्रक यूनियन के पूर्व अध्यक्ष सरबजीत सिंह बिट्टू और प्रगट सिंह ढिल्लों, चमकौर सिंह, नरिंदर सिंह, प्रगट सिंह रामपुरा रोड, हरपाल सिंह, परमजीत सिंह और बलविंदर सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा अध्यक्ष ट्रक यूनियन द्वारा कथित तौर पर एक नया तुगलकी फरमान जारी किया गया है कि केवल चन्नो स्थित एक फैक्ट्री से जूस परिवहन करने वाले ट्रक ऑपरेटरों के भाड़े से 1.35 प्रतिशत की कटौती की जाएगी, और यह राशि ट्रक ऑपरेटरों को जूस परिवहन करने से पहले यूनियन के खाते में स्थानांतरित करनी होगी। उन्होंने कहा कि इस फैसले का जिन ट्रक ऑपरेटरों द्वारा विरोध किया जा रहा है, उनकी गाड़ियों के नंबर गोल कर उन्हें काम नहीं दिया जा रहा है और साथ ही कथित तौर पर ट्रक को यूनियन से बाहर निकालने की धमकी देकर उन्हें डराया जा रहा है।
जिसके कारण कई ऑपरेटरों ने इसका भुगतान यूनियन के खाते में कर दिया है, लेकिन उन्हें अध्यक्ष का यह जबरदस्ती वाला फैसला मंजूर नहीं है। जिसको लेकर उन्होंने पहले भी कई प्रशासनिक अधिकारियों से इसकी शिकायत की थी, लेकिन जब प्रशासन ने इस गलत फैसले को रोकने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाया तो ऑपरेटरों ने फिर माननीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। जहां से माननीय न्यायालय ने ट्रक यूनियन के इस फैसले पर रोक लगाते हुए स्थगन आदेश जारी कर दिया है।
ऑपरेटरों ने कहा कि वे पहले से ही डीजल की बढ़ती कीमतों, सड़कों पर जगह-जगह लगे टोल प्लाजा, स्पेयर पार्ट्स और महंगे टायरों और अन्य खर्चों के कारण घाटे में हैं और उनके किराए से इस राशि की कटौती के कारण वे बहुत दुखी हैं, लेकिन अब माननीय न्यायालय द्वारा इस पर रोक लगाई जाने से उन्हें न्याय मिलने की आशा और सुकून मिला है। ट्रक यूनियन के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह से बात की गई तो उन्होंने ऑपरेटरों द्वारा लगाए गए आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताते हुए कहा कि ट्रक यूनियन एक सांझा संस्था है, जिसके माध्यम से सैकड़ों परिवारों को रोजगार मिल रहा है। इसलिए संस्था को चलाने के लिए संघ के फैसले करीब 15 पूर्व अध्यक्षों की सहमति से लिए जाते हैं।
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उन्होंने कहा कि किसी भी ऑपरेटर से जबरदस्ती एक भी रुपया नहीं काटा जाता है। कंपनी ठेकेदार को किराया देती है और ठेकेदार बदले में यूनियन को किराया देता है। वह न्यायालय के आदेशों से पहले ही सहमत है और उन्होंने किसी भी संचालक का नाम सूची से नहीं हटाया है और न ही किसी से जबरन वसूली की है। उन्होंने कहा कि वह आज होने वाली पुकार पर सभी ट्रक ऑपरेटर्स को इस मुद्दे से अवगत करवाएंगे।
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