Edited By Subhash Kapoor,Updated: 19 Dec, 2024 05:00 PM
शहर के विभिन्न सामाजिक हिंदू संगठनों और मंदिरों की प्रबंधन समितियों द्वारा संयुक्त रूप से गठित सनातन महासभा ने आज स्थानीय शहर में रोष मार्च निकालकर बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई और देश के राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन उपखण्ड के...
भवानीगढ़, (कांसल) : शहर के विभिन्न सामाजिक हिंदू संगठनों और मंदिरों की प्रबंधन समितियों द्वारा संयुक्त रूप से गठित सनातन महासभा ने आज स्थानीय शहर में रोष मार्च निकालकर बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई और देश के राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन उपखण्ड के एसडीएम को दिया गया।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए स्थानीय भवानी देवी मंदिर के पास बड़ी संख्या में एकत्र हुए सनातन महासभा के सदस्यों ने आज शहर में रोष मार्च निकाला। यह रोष मार्च भवानी देवी मंदिर से शुरू होकर गौशाला चौंक, मुख्य बाजार, पुराना बस स्टैंड और ट्रक यूनियन से होते हुए शहीद भगत सिंह चौंक पर समाप्त हुआ। इस अवसर पर अपने संबोधन के दौरान जीवन कुमार गर्ग, शाम सचदेवा, मनदीप अत्री, गुरदेव गर्ग, प्रषोतम कांसल, बिमला देवी, हरिंदर कुमार नीटा, धनी राम कांसल, रवि धवन, रमेश सिंगला, कृष्ण कुमार कोहली, लछमन सचदेवा, डॉ. रविंदर शर्मा सहित बड़ी संख्या में मौजूद अन्य वरिष्ठ नेताओं ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर बांग्लादेश सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने निंदा करते हुए कहा कि बांग्लादेश में अमानवीय अत्याचार कर हिंदुओं की निर्मम हत्या की जा रही है, हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है, हिंदू व्यवसायों को नष्ट किया जा रहा है और मंदिरों पर भी हमले करके तोड़फोड़ की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और दुनिया के मानवाधिकार संगठनों को तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और बांग्लादेश सरकार को फटकार लगानी चाहिए कि वह हिंदुओं के इस उत्पीड़न को रोके और बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे। इसके बाद महासभा ने अपनी उक्त मांगों को लेकर देश के राष्ट्रपति के नाम उपमंडल के एसडीएम रविंदर बांसल को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर पंडित जगदीश शास्त्री, पंडित मोहनलाल शर्मा, मुनीष कद, गजिंदर राजपुरोहित, विकास जिंदल, राजेश कुमार, विनोद सिंगला, भूपिंदर गुप्ता, वरिंदर सिंगला, रिंपी शर्मा, विनोद शर्मा, अशोक कुमार समेत बड़ी संख्या में महासभा के सदस्य व नेता मौजूद थे।