चंडीगढ़ जाने वाले हो जाएं सावधान! बड़ी मुसीबत से खुद का रखें ध्यान

Edited By Kalash,Updated: 10 Nov, 2024 02:22 PM

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शनिवार शाम को जब देश के 264 शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स का डाटा सामने आया तो प्रदूषण से सबसे बुरी तरह प्रभावित इन शहरों की रेड जोन वाली सूची में देश के सिर्फ 5 ही शहर थे।

पंजाब डेस्क : शनिवार शाम को जब देश के 264 शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स का डाटा सामने आया तो प्रदूषण से सबसे बुरी तरह प्रभावित इन शहरों की रेड जोन वाली सूची में देश के सिर्फ 5 ही शहर थे। इन पांच शहरों में चौंकाने वाली बात ये थी कि देश के सबसे प्रदूषित इन 5 शहरों की सूची में चंडीगढ़ चौथे नंबर पर था। चंडीगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स (ए.क्यू.आई.) 332 था जो प्रदूषण के तय मानकों में सबसे बुरा स्तर है। सेहत के लिए सबसे नुकसानदेह पी.एम. 2.5 की औसत मात्रा ही 319 से 343 के सबसे खराब स्तर तक जा पहुंची है। प्रदूषण के इस बढ़ते हुए स्तर का असर ये था कि शनिवार को पूरे दिन शहर भर में सूरज की चमक प्रदूषण ने रोकी रखी और दिन का अधिकतम तापमान भी महज 28.1 डिग्री रहा। प्रदूषण के इस खराब स्तर की वजह से गंभीर बीमारियों से प्रभावित लोगों के लिए आने ये प्रदूषण जोखिम बन चुका है।

रात में बेहद बुरे स्तर पर प्रदूषण तो दिन में भी खराब

चिंता की बात ये है कि हवा में प्रदूषण का खराब स्तर शाम 7 बजे से लेकर सुबह 10 बजे के बीच तय मानकों के मुताबिक बहुत खराब स्तर तक जा रहा है। दोपहर में रात जैसी हालत तो नहीं है लेकिन ‌दिन की हवा में प्रदूषण का स्तर बुरे स्तर पर है। हवा में सेहत के लिहाज से खराब माने जाने वाले पार्टिकल रात में जमीन में नीचे आने की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है।

शहर का हर हिस्सा बुरी तरह चपेट में 

पूरे शहर में प्रदूषण के स्तर को तीन जगहों सेक्टर-22, सेक्टर-25 और सेक्टर-53 की ऑब्जर्वेटरी से आंका जाता है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (सी.पी.सी.सी.) द्वारा तय मानकों के मुताबिक अब शहर के हर हिस्से की आबोहवा बुरी तरह प्रदूषण से प्रभावित है। शहर में पी.एम.2.5 की न्यूनतम मात्रा 319 से 344 के सबसे खराब स्तर के बीच पहुंच चुकी है। पी.एम. 2.5 का अधिकतम स्तर सैक्टर 53 के 408 तक जा पहुंचा। पी.एम. 10 का औसत स्तर 185 से 236 के ही बेहद खराब स्तर पर है।

अस्थमा, बी.पी. और हार्ट के मरीजों के लिए खराब दौर

प्रदूषण का ये खराब स्तर अस्थमा, ब्लड प्रैशर और हार्ट पैशेंट्स के लिए मुश्किलें पैदा करने के साथ स्टोक्स भी ला सकता है। हवा में पी.एम. 2.5 और पी.एम. 10 की मात्रा इन लगातार बेहद खराब स्तर पर होने से कई बीमारियों वालों के लिए चिंता पैदा कर रहा है। हवा में पी.एम. 2.5 की ये बड़ी मात्रा स्वस्थ लोगों के फेफड़ों सबसे अंदर के हिस्से तक जाकर प्रभावित करती है। पी.एम. 2.5 के पार्टिकल फेफड़ों की सबसे अंदर की सतह पर जाकर जमते हैं जो कई दिनों तक नहीं साफ होते।

देश के 5 सबसे प्रदूषित शहर

दिल्ली-352
बद्दी-344
मंडीदीप-343
चंडीगढ़-332
बहादुरगढ़-305

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