Edited By Subhash Kapoor,Updated: 04 Dec, 2024 09:32 PM
पंजाब भर के आर.टी.ओ दफ्तरों में तैनात कर्मियों को विजीलैंस की धमकी देकर आफिस से संबधित लोगों का काम करवाने व कर्मचारियों को ब्लैकमेल कर लाखों रुपए वसूलने के आरोप में विजीलेंस ब्यूरो की तरफ से 3 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
लुधियाना (गौतम) : पंजाब भर के आर.टी.ओ दफ्तरों में तैनात कर्मियों को विजीलैंस की धमकी देकर आफिस से संबधित लोगों का काम करवाने व कर्मचारियों को ब्लैकमेल कर लाखों रुपए वसूलने के आरोप में विजीलेंस ब्यूरो की तरफ से 3 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। तीनों आरोपी काफी समय से र्क्लकों को धमका कर वसूली कर रहे थे। विभाग की तरफ से करीब एक साल की जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। विभाग की तरफ से आरोपियों की पहचान मानकवाल जी.के. बिहार के रहने वाले सतनाम सिंह धवन पुत्र गुरदर्शन सिंह धवन, रविंदर कालोनी शिमलापुरी के रहने वाले राजीव सूद उर्फ बिल्ला व गांव लोहारा के रहने वाले भूपिंदर पुंज पुत्र ब्रह्म प्रकाश के रूप में की है। फिलहाल तीनों आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस के अनुसार र्क्लकों के मोबाइल से मिले सक्रिन शॉट व अन्य सबूतों के आधार पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कई कर्मचारियों से पूछताछ के बाद उक्त कार्रवाई की है।
विजीलैंस ने इस संबंध में मिली शिकायत की जांच के बाद पाया कि भूपिंदर पुंज व सतनाम धवन लोगों से आर.टी.ओ आफिस से संबंधित काम खुद पकड़ लेते है और आफिस के कर्मचारियों को डरा धमका कर उनकी शिकायतें विजीलेंस विभाग को करने का डरावा देकर जल्दी काम करने के लिए मजबूर करते हैं और उनको ब्लैक मेल कर मोटी रकम वसूल करते है। आफिस में तैनाक र्क्लक रविंदर सिंह, विक्रम सिंह व नीलम के मोबाइल से इस संबंध में स्क्रीन शार्ट प्राप्त किए गए व स्टैनों नवदीप सिंह के रजिस्ट्रर की जांच से पता चला कि उक्त आरोपी भूपिंदर खुद ही लोगों के काम के दस्तावेज प्राप्त करता है। इसके अलावा दूसरे जिले के आफिस में तैनात र्क्लक अमरदीप सिंह, नीलम, जैतेग सिंह, दिनेश बांसल व गौरव कुमार के मोबाइल के स्क्रीन शार्ट से भी सबूत मिले । जिससे पता चला कि वह अपने नहीं बल्कि लोगों के काम करवाते थे ।
कोड का करते थे प्रयोग 1 लाख रुपए के लिखते थे 1 किलोग्राम
र्क्लकों के मोबाइल के स्क्रीन शार्ट से पता चला है कि उक्त आरोपी व्हट्अप पर पैसों के लिए कोड का प्रयोग करते थे और 1 लाख रुपए के लिए 1 किलोग्राम लिख कर भेजते थे । आरोपी सतनाम की तरफ से दिनेश बांसल को मैसेज भेजा गया कि 10 किलोग्राम । फिर मैसेज भेजा कि माल भेज कर स्क्रीन शार्ट भेज दो । फिर उसे एक अन्य मोबाइल नंबर भेज कर पैसे भेजने के लिए कहा गया । जब बांसल ने पैसे नहीं भेजे तो सतनम ने दोबारा मैसेज भेज कर कहा कि अपने साहिब से पूछ लो कि वह ज्यादा इंतजार नहीं करता । क्योंकि उसने खन्ना में तैनात एक अधिकारी के खिलाफ विजीलैंस में मामला दर्ज करवाया था ।