Edited By Urmila,Updated: 18 Jan, 2025 11:11 AM
नगर निगम के मेयर का पदभार संभालने के बाद शहर के प्रथम नागरिक वनीत धीर ने बिल्डिंग विभाग के उच्च अधिकारियों संग एक बैठक की ।
जालंधर : नगर निगम के मेयर का पदभार संभालने के बाद शहर के प्रथम नागरिक वनीत धीर ने बिल्डिंग विभाग के उच्च अधिकारियों संग एक बैठक की जिस दौरान ई नक्शा पोर्टल में पेंडिंग पड़ी फाइलों का सारा रिकार्ड तलब कर लिया गया। यह रिकॉर्ड अलग से मांगा गया है कि इन फाइलों में से कितने केस ऑटो जंप हुए और इस मामले में किस निगम अधिकारी ने ऐसा किया और कितनी बार किया। माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान मेयर बिल्डिंग विभाग के अधिकारियों द्वारा केस लटकाने की प्रवृत्ति तथा ऑटो जंप प्रति सख्त दिखे।
ऐसे दस्तावेज भी मांगे गए कि निगम ने पिछले तीन साल दौरान अवैध बिल्डिंगों के कितने चालान जारी किए, कितने चालान अभी पेंडिंग हैं और कंप्रोमाइज केस क्यों नहीं किए जा रहे। बिल्डिंग विभाग से निगम को होती आय पर भी चर्चा हुई। मेयर ने कहा कि विभाग का कुल टारगेट 65 करोड़ रखा गया था परंतु अभी तक मात्र 35 करोड़ की वसूली हुई है, 31 मार्च तक 30 करोड़ रुपए और खजाने में जमा होना चाहिए। ऐसे में हर सप्ताह आय और व्यय की डिटेल मेयर ऑफिस पहुंचाई जाए।
बैठक के दौरान स्टाफ की कमी पर भी चर्चा हुई और मेयर ने आश्वासन दिया कि इस मामले में लोकल बॉडीज मंत्री से बात की जाएगी। उन्होंने निगम कमिश्नर से अपील की कि जब तक नया स्टाफ भर्ती नहीं होता, तब तक निगम के अन्य विभागों से या आउटसोर्स कर्मचारी लगाकर पेंडिंग चालान निपटाने का अभियान शुरू किया जाए। इस बैठक दौरान सीनियर डिप्टी मेयर बलबीर सिंह बिट्टू तथा डिप्टी मेयर मलकीत सिंह भी मौजूद रहे।
इन्वेस्ट पंजाब स्कीम तहत बनी बिल्डिंगों की जांच होगी
बिल्डिंग विभाग के साथ हुई बैठक दौरान मेयर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पिछले समय दौरान इन्वेस्ट पंजाब स्कीम के तहत जितने केस पास हुए और जितनी बिल्डिंगें बनीं , उनकी रिपोर्ट दी जाए और सभी बिल्डिंगों की जांच की जाए ताकि पता चल सके कि बिल्डिंगों का निर्माण पास नक्शे के मुताबिक हुआ है या नहीं। अगर किसी मामले में बिल्डिंग अवैध पाई जाती है तो उसे पैसे लेकर कंप्रोमाइज या रेगुलर किया जाए।
मेयर में अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि शहर की 58 सड़कों पर जोनिंग प्लान लागू करने का जो मामला पेंडिंग पड़ा है, उस बाबत प्रक्रिया दोबारा चलाई जाए। उन्होंने जहां पुराने जोनिंग प्लान की रिपोर्ट मांगी है वहीं अधिकारियों से यह भी कहा कि उसमें नए क्षेत्र भी जोड़े जाएं। इस मामले में ए.टी.पी. राजेंद्र शर्मा शुक्रवार तक अपनी रिपोर्ट सबमिट करेंगे।
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