Edited By Vatika,Updated: 11 Dec, 2025 12:16 PM

पंजाब से थाईलैंड गए पंजाबियों को लेकर चिंताजनक खबर सामने आई है।
चंडीगढ़: पंजाब से थाईलैंड गए पंजाबियों को लेकर चिंताजनक खबर सामने आई है। दरअसल, वहां इन पंजाबियों को जंगलों में साइबर ठगी करने के लिए मजबूर किया जा रहा था। इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद इन लोगों के परिवारों में चिंता की लहर दौड़ गई है।
एक हिंदी अखबार की खबर के अनुसार, पंजाब से थाईलैंड टूरिस्ट वीजा पर गए करीब 370 लोग रहस्यमय तरीके से गायब हो गए। केंद्रीय विदेश मंत्रालय इनकी तलाश कर रहा है, और इस संबंध में थाईलैंड सरकार और बैंकॉक स्थित भारतीय दूतावास ने उनके नाम और पते भारत भेजे हैं, क्योंकि ये लोग वीज़ा अवधि समाप्त होने के बाद भी वापस नहीं लौटे। इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब पिछले महीने थाईलैंड की सेना ने जंगलों में चल रहे एक गैर-कानूनी माफिया नेटवर्क पर कार्रवाई की। इस दौरान डर के कारण भागते हुए 36 भारतीय लड़के-लड़कियां सेना के कैंप तक पहुंचे और आपबीती सुनाई, जिन्हें सुनकर थाईलैंड प्रशासन भी हैरान रह गया। थाईलैंड एजेंसियों को शक है कि बाकी गायब पंजाबियों के साथ-साथ और भी भारतीय साइबर स्लेवरी का शिकार हो सकते हैं। केंद्र ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी पंजाब सरकार और स्टेट साइबर क्राइम विंग को सौंप दी है। टीमें घर-घर जाकर पूछताछ कर रही हैं कि कौन, कब गया और किसके संपर्क में था।
पंजाब वापस लौटे युवाओं ने खुलासा किया कि मुंबई, बेंगलुरु और हरियाणा के एजेंट उन्हें अच्छी नौकरी का लालच देकर इस धंधे में फंसा रहे थे। जंगलों में उन्हें साइबर ठगी करवाई जाती थी। इसके लिए उन्हें 80,000 से 1,00,000 रुपये तक तनख्वाह दी जाती थी, लेकिन उनका पासपोर्ट वापस नहीं किया जाता। अगर कोई काम करने से इनकार करता तो उसे पीटा जाता और खाना नहीं दिया जाता, जिससे वे मजबूरी में यह काम करने पर मजबूर हो जाते थे।