PICS: श्रद्धालु ने लाखों रुपए खर्च कर चांदी में बदल दिए केदारनाथ के कपाट

Edited By Vatika,Updated: 04 Oct, 2019 10:59 AM

52 kg silver door offered to kedarnath

11वें ज्योतिॄलग श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण के बाद अब मंदिर के प्रवेश द्वार चांदी के हो गए हैं।

रुद्रप्रयाग(प्रदीप सेमवाल): 11वें ज्योतिॄलग श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण के बाद अब मंदिर के प्रवेश द्वार चांदी के हो गए हैं। अभी तक ये लकड़ी के थे। बाबा केदार के भक्त जालंधर निवासी व्यापारी गगन भास्कर ने मंदिर को ये चांदी के दरवाजे दान किए हैं जिन्हें अब प्रवेश द्वार में लगा दिया गया है।PunjabKesari

केदारनाथ मंदिर में प्रवेश के लिए अब इन्हीं दरवाजों के बीच में से होकर जाना होगा। इन दरवाजों के बीच में ‘ऊं नम: शिवाय’ लिखा हुआ है। मंदिर समिति से मिली जानकारी के अनुसार, जालंधर के व्यापारी ने 28 लाख से अधिक की धन राशि से करीब 56 किलो से अधिक भार वाले दरवाजे बनवाए।PunjabKesari

मंदिर का इतिहास और मान्यता
केदारनाथ धाम उत्तराखंड का विश्व प्रसिद्ध शिव मंदिर है। यह भूरे रंग के शिलाखंडों को तराश कर बनाया गया है। मंदिर का गर्भगृह 80वीं शताब्दी के लगभग का माना जाता है। इसके गर्भगृह में अर्धा के पास चारों कोनों पर चार सुदृढ़ पाषाण स्तंभ हैं। यह 85 फुट ऊंचा, 187 फुट लंबा और 80 फुट चौड़ा है। इसकी दीवारें 12 फुट मोटी हैं और इसे 6 फुट ऊंचे चबूतरे पर निर्मित किया गया है।PunjabKesari

पुराण कथा अनुसार हिमालय के केदार श्रृंग पर भगवान विष्णु के अवतार महा तपस्वी नर और नारायण ऋषि तपस्या करते थे। उनकी आराधना से प्रसन्न होकर भगवान शंकर प्रकट हुए और उनके प्रार्थनानुसार ज्योतिर्लिंग के रूप में सदा वास करने का वर प्रदान किया था। ऐसी मान्यता है कि इसे सर्वप्रथम पांडवों ने बनवाया था, जो लुप्त हो गया था। बाद में 8वीं शताब्दी में आदिशंकराचार्य ने नए मंदिर का निर्माण कराया जो 400 वर्ष तक बर्फ में दबा रहा।
 

 

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