Edited By Suraj Thakur,Updated: 02 Sep, 2019 03:26 PM
सनी दओल पहले बॉलीवुड एक्टर नहीं हैं जो पैराशूट लेकर भाजपा या किसी अन्य के पार्टी के सांसद बने हैं।
जालंधर। बॉलीवुड की दुनिया में एक मुकाम हासिल करने के बाद सियासत में कूदे भाजपा सांसद सनी देओल एक बार फिर से चर्चा में हैं। 17 जून से 7 अगस्त तक (37 दिन) लोकसभा के पहले सत्र में सनी ने 9 बार मौजूद रहे। जिसके चलते वह जिला कांग्रेस के नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। उनकी राजनीति में यह पहली पारी है। कांग्रेस के नेताओं ने उन पर तंज कसते हुए कहा है कि वह स्कूल नहीं जाएंगे तो सीखेंगे कैसे। चुनाव के बाद वह अपने हल्के में भी कम ही दिखाई दिए हैं, उनके विरोधियों का कहना हे कि चुनाव के एकदम बाद वह पहाड़ों की सैर करने निकल गए थे। यही नहीं उन्होंने एक स्क्रीन राइटर को गुरुदासपुर में अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया है, जो उनकी गैर मोजूदगी में लोगों की समस्याएं सुनेगा।
पीए की नियुक्ति को लेकर हो चुका है विवाद
सनी दओल पहले बॉलीवुड एक्टर नहीं हैं जो पैराशूट लेकर भाजपा या किसी अन्य के पार्टी के सांसद बने हैं। लोगों का यह भी कहना है कि गुरदासपुर से उन्हें बॉलीवुड के अपने सहयोगियों की समस्याओं को हल करने के लिए नहीं चुना है। सियासी पैतरों से कमजोर सनी जुलाई माह में उस वक्त विवादों में धिर गए थे जब उन्होंने एक स्क्रीन राइटर गुरप्रीत सिंह पल्हेरी को गुरुदासपुर में अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया। मीडिया में यह घटनाक्रम तूल पकड़ गया और कहा गया कि वह सनी देओल की लोकसभा सीट से जुड़े मामलों पर नजर रखेंगे और उनका प्रतिनिधित्व करेंगे।
ट्वीट कर देनी पड़ी थी सफाई
इसके बाद विवाद को तूल पकड़ता देख एक्टर-सांसद सनी देओल ने एक ट्वीट कर सफाई पेश की थी। उन्होंने लिखा था कि, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है और इसमें भी इतना बड़ा विवाद खड़ा कर दिया गया है। मैंने अपना पीए (पर्सनल असिस्टेंट) नियुक्त किया है जो कि गुरदासपुर में मेरा प्रतिनिधित्व करेगा। ये नियुक्ति इस बात को ध्यान में रखकर की गई है कि जब मैं गुरदासपुर से बाहर हूं, संसद में हूं या कहीं सफर कर रहा हूं तो भी काम लगातार, बिना रुके चलता रहे।"