Edited By Suraj Thakur,Updated: 05 Jul, 2019 03:02 PM
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन के पटल पर 2019-2020 के बजट रख दिया है। इस बजट में सरकार ने ऐलान किया है कि जिन लोगों की आय 5 लाख रुपए से कम है उन्हें कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। सरकार के इस फरमान से मध्यम वर्ग को खासी राहत मिलेगी।
नई दिल्ली(सूरज ठाकुर): वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन के पटल पर 2019-2020 के बजट रख दिया है। इस बजट में सरकार ने ऐलान किया है कि जिन लोगों की आय 5 लाख रुपए से कम है उन्हें कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। सरकार के इस फरमान से मध्यम वर्ग को खासी राहत मिलेगी। अर्थशास्त्रियों के मुताबिक मोदी सरकार के इस कदम से 3 करोड़ करदाताओं को फायदा होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष बोर्ड के आंकड़ों को माने तो देश में 6.3 करोड़ कर दाता हैं। जिनमें 3 करोड़ की आय पांच लाख रुपए से कम है।
टैक्स से सरकार अर्जित करती है करीब 11 लाख करोड़
वर्तमान में देश में 11 लाख करोड़ रुपए टैक्स एकत्रित किया जाता है। इसमें देश की 20 फीसदी कंपनियां भी टैक्स चुकाती हैं। जानकारी के मुताबिक 80 फरसदी कंपनियां नुकसान में चल रही हैं, या फिर अपनी आय बहुत ही कम दिखाती हैं। कुल टैक्स का आधे से ज्यादा हिस्सा कंपनियों से आता है।
हर 100 वोटर में सिर्फ 7 आयकर देते हैं
देश में वोटरों के मुकाबले करदाताओं के अनुपात की स्थिति बेहद लचर है। इकोनॉमिक सर्वे कहता है कि हर 100 वोटरों में से केवल 7 इनकम टैक्स देते हैं। स्वीडन और नॉर्वे में यह संख्या 100 और अमेरिका में 60 से ज्यादा है। इसमें भी ताज्जुब की बात नहीं कि राजनेता करदाताओं की परवाह नहीं करते हैं, क्योंकि ज्यादातर वोट टैक्स नहीं देने वालों से मिलते हैं।