Edited By Sunita sarangal,Updated: 13 Feb, 2020 10:29 AM
बच्चे माता-पिता के जिगर के टुकड़े होते हैं, जिनको देख-देख कर माता-पिता जिंदगी व्यतीत करते हैं, लेकिन यदि वे अचानक गुम हो जाएं तो माता-पिता से यह दर्द झेलना मुश्किल हो जाता है.....
मोगा(गोपी राऊके): बच्चे माता-पिता के जिगर के टुकड़े होते हैं, जिनको देख-देख कर माता-पिता जिंदगी व्यतीत करते हैं, लेकिन यदि वे अचानक गुम हो जाएं तो माता-पिता से यह दर्द झेलना मुश्किल हो जाता है और पंजाब में ऐसे सैंकड़ों माता-पिता हैं, जिनके बच्चे गुम हैं। हैरानी की बात तो यह है कि अपने बच्चों का सुराग ढूंढने के लिए माता-पिता सरकारों-दरबारों के अनेकों चक्कर काट-काटकर थक चुके हैं, लेकिन उनके बच्चों का कोई सुराग नहीं मिलता।
पंजाब में इस तरह की घटनाओं की सही जानकारी एकत्रित करने के लिए आर.टी.आई. एक्टीविस्ट रोहित सभ्रवाल की ओर से जानकारी मांगी गई, तो जो आंकड़े प्राप्त हुए हैं उसमें पता लगा है कि 2013 से 2018 तक राज्य भर में कुल 8432 बच्चे गुम हुए, जिनमें से 6941 तो मिल गए जबकि अभी भी 6 वर्षों में 1491 बच्चे गुम हैं, जिनका कोई पता नहीं लग रहा है। पंजाब केसरी द्वारा हासिल की जानकारी के अनुसार इन लापता हुए बच्चों में से जिन बच्चों की तलाश नहीं हो सकी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्य के 1491 बच्चे की पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी है। इसी तरह जब पुलिस प्रशासन का पक्ष लेने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक अमरजीत सिंह बाजवा से संपर्क करने का प्रयत्न किया गया, तो उनके पी.एस.ओ. ने कहा कि साहिब व्यस्त हैं, इसलिए बात नहीं हो सकती।