अब हरित क्रांति के बाद कृषि विभिन्नता हेतु भी समूचा देश पंजाब के किसान की तरफ देख रहा: तोमर

Edited By Vaneet,Updated: 15 Nov, 2019 06:57 PM

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हरित क्रांति लाकर देश को अनाज के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने में पंजाब के किसानों व पीएयू के वैज्ञानिकों ने अहम भूमिका निभाई है....

लुधियाना(सलूजा/अनिल): हरित क्रांति लाकर देश को अनाज के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने में पंजाब के किसानों व पीएयू के वैज्ञानिकों ने अहम भूमिका निभाई है। जिसके दम पर भारत आज अमरीका समेत दुनियाभर के देशों को अनाज व अनाज से संबधित उत्पाद भेजने के समर्थ बना है। अब कृषि विभिन्नता हेतु भी समूचा देश पंजाब के किसान की तरफ ही देख रहा है। यह विचार आज केन्द्रीय खेती व किसान भलाई मंत्री नरिंदर सिंह तोमर ने कहे। 

पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी में चल रहे भारतीय मक्की खोज संस्थान के लाडोवाल स्थित प्रंबधकी ब्लाक व लैबोरट्री का नींव पत्थर रखने समय मंत्री नरिंदर सिंह तोमर ने बताया कि मक्की उत्पादन के मामले में भारत विश्वभर में चौथे स्थान पर है। अब मक्की से बने उत्पादों की मांग दुनियां भर में बढऩे लगी है। एक फसल के रूप में मक्की की काश्त के साथ-साथ उत्पादन के मुल्य बढ़ौतरी के प्रति भी सुचेत रहने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि किसान की आमदन व देश के लोगों की जरूरतों की पूर्ति को सांझे सूत्र में परोना होगा। केन्द्रीय खेती व किसान भलाई मंत्री नरिंदर सिंह तोमर ने कृषि क्षेत्र की चुनौतियों का निवारण सरकार व समाज की जिम्मेवारी है। उन्होंने इसी के साथ ही खेती के लिए इस्तेमाल किए जा रहे पानी को संयम से प्रयोग में लाने की भी नेक सलाह किसानो को दी। इससे यकीनन तौर पर हम भविष्य को सुरक्षित रख पाएगे। 

मंत्री तोमर ने कहा कि इस संस्थान की स्थापना से भारत के कृषि क्षेत्र में एक नया पन्ना जुड़ जाएगा और यह संस्थान वैज्ञानिकों को नई खोजो व मक्की के उत्पादन में बढ़ौतरी करने हेतु प्रेरित करेगा। तोमर पंजाब के किसानों की प्रशंसा करने नहीं भूले। उन्होंने कहा कि नई खोजों को अपनाने से व उनसे फायदा लेने का जितना जोश पंजाबी किसानो में है, उतना शायद दुनियां में कहीं पर भी नहीं देखने को मिलता। उन्होंने पंजाब के किसानों की मेहनत व देश के अनाज भंडार में प्रंशसनीय व रिकार्डतोड़ योगदान पाने के लिए उनको सलाम किया। उन्होंने इस समारोह के दौरान अलग-अलग विभागों की तरफ से लगाई विशेष प्रदर्शनी का भी दौरा किया। जहां पर यह बता दें कि किसानों को विकसित खेती तकनॉलोजी व खेती साहित्य से अवगत करवाने को लेकर किसान मेले का भी आयोजन किया गया। 

पंजाब में पराली व पानी की संभाल बड़ी चुनौतियां: ढिल्लों
पीएयू के उप कुलपति डा बलदेव सिंह ढिल्लों ने मंत्री नरिंदर सिंह तोमर का स्वागत करते हुए बताया कि इस समय पंजाब के सामने प्रमुख तौर पर पानी व पराली की संभाल को लेकर बड़ी चुनौतियां है। इसमें कोई शक नहीं कि केन्द्र व पंजाब सरकार अपने स्तर पर किसानी की भरपूर मदद कर रही है। लेकिन इस क्षेत्र में अभी और काम करने की जरूरत है। डा ढिल्लों ने इस बात पर जोर दिया कि जिस तरह केन्द्र सरकार ने हरित क्रांति के समय मदद की थी, उसी तरह की सहायता की आज भी पंजाब की किसानी व खोज केन्द्रों को जरूरत है। उप कुलपति ने मंत्री तोमर को यह भरोसा दिलाया कि ख्ेाती विभिन्नता के क्षेत्र में पीएयू, अटारी, बीसा व आईआईएमआर मिलकर काम करेंगे। आज जरूरत इस बात की भी है कि सरकार व सरकारी संस्थाएं सांझेेंं रूप में काम करे। 

केन्द्रीय मंत्री तोमर को किया सम्मानित
भारतीय मक्की खोज संस्थान के निर्देशक डा सुजेय रकशित ने केन्द्रीय मंत्री नरिंदर सिंह तोमर को दौशाला, गुलदस्ता व श्री हरिमन्दिर साहिब जी का मॉडल सम्मान के रूप में भेंट कर सम्मानित करते हुए इस संस्थान की मक्की की खोज प्रति वचनबधता को दोहराया। 

पराली की संभाल वाले किसान सम्मानित
केन्दीय मंत्री तोमर ने पंजाब के अलग-अलग हिस्सों से संबधित उन किसानों को विशेष तौर पर प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया, जिन्होंने पराली को जलाने की बजाए पराली को संभाल कर किसानी के लिए मिसाल कायम की और वातावरण को प्रदूषित होने से बचाया। 

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