महानगर में शुरू हुआ ई-चालान: सबूत के तौर पर घर आएगी नियम तोडऩे की फोटो

Edited By Vatika,Updated: 16 Nov, 2019 05:28 PM

e challan launch in ludhiana

लुधियाना पुलिस अब कैमरों की सहायता से चालान करने जा रही है। पूरे राज्य में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि कैमरों की सहायता से चालान किया जाएगा।

लुधियाना(सुरिन्द्र): लुधियाना पुलिस अब कैमरों की सहायता से चालान करने जा रही है। पूरे राज्य में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि कैमरों की सहायता से चालान किया जाएगा। अब अगर वाहन चालकों ने रैड लाइट जम्प या चौकों में जैब्रा क्रासिंग का उल्लंघन किया तो ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहन मालिक के घर चालान भेजा जाएगा।  पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने पुलिस लाइंस स्थित ट्रैफिक पुलिस के आफिस से आज कैमरों की सहायता से ई-चालान करने की योजना की शुरूआत की। पहले चरण में पुलिस ने शहर के 6 प्रमुख चौकोंं को चुना है जहां से ई-चालान को शुरू किया गया है। आने वाले दिनों में चौकों की संख्या बढ़ाई जाएगी। पुलिस द्वारा रोजाना ऐसे कम से कम 500 चालान करने का लक्ष्य रखा गया है। कैमरों की सहायता से किए गए ऑनलाइन चालान को लुधियाना पुलिस की वैबसाइट पर ऑनलाइन तरीके से या नजदीकी सांझ केन्द्र में जाकर भुगता जा सकेगा। 

800 से अधिक कैमरे लगाए, कई चौकों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर भी
ई-चालान योजना का शुभारंभ करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने बताया कि सैफ सिटी प्रोजैक्ट के तहत 800 से अधिक कैमरे लगाए गए हंै। इनमें से कई चौकों में ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरे भी लगाए गए हैं। फिलहाल 6 चौकों में ई-चालान की योजना की शुरूआत की गई है जिसके तहत कैमरे रैड लाइट जम्प व जैब्रॉ क्रासिंग का उल्लंघन करने पर ऑटोमैटिक तरीके से वाहन का चालान कर देंगे। वाहन चालक द्वारा तोड़े गए ट्रैफिक नियम की फोटो व वीडियो का रिकार्ड भी पुलिस के पास होगा। 

रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर जाएगा मैसेज
कैमरों द्वारा ऑटोमैटिक तरीके से चालान करने के बाद ट्रैफिक पुलिस द्वारा उक्त वाहन मालिक के पते पर चालान को रजिस्टर्ड डाक द्वारा भेजा जाएगा। अगर ट्रांसपोर्ट विभाग के पास उक्त वाहन के मालिक का मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड है तो उसके फोन पर चालान होने संबंधी एस.एम.एस. भी जाएगा। चालान के साथ ही वाहन चालक द्वारा नियम तोड़ते समय की फोटो भी सबूत के तौर पर साथ भेजी जाएगी। इसके लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार करवाया गया है व ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहन मालिकों का डाटा ट्रांसपोर्ट विभाग के वाहन सॉफ्टवेयर से लिया जाएगा। इस अवसर पर डी.सी.पी. हैडक्वार्टर अखिल चौधरी, डी.सी.पी. ट्रैफिक सुखपाल सिंह बराड़, डी.सी.पी. लॉ एंड आर्डर अश्विनी कपूर, ए.डी.सी.पी. हैडक्वार्टर दीपक पारिक के अलावा ए.सी.पी. ट्रैफिक गुरदेव सिंह भी उपस्थित रहे। 
 

पहला चालान गुरु हरगोबिंद नगर के संजय कुमार के नाम पर 
शुक्रवार को पुुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल द्वारा शुरू किए गए ई-चालान में पहला चालान गुरु हरगोङ्क्षबद नगर के रहने वाले संजय कुमार के नाम पर जारी किया गया है। संजय कुमार के नाम पर रजिस्टर्ड भार ढोने वाले एक लाल रंग के थ्री-व्हीलर के चालक ने दोपहर अढ़ाई बजे रैड लाइट सिग्नल जंप किया था। ई-चालान की शुरूआत करते ही संजय कुमार के पते पर फोटो के सबूत सहित पहला चालान भेजा गया है। ट्रैफिक पुलिस द्वारा शुक्रवार दोपहर को ई-चालान योजना को शुरू करने से लेकर शाम तक चालान का शतक पूरा कर लिया था। पहले दिन 100 से अधिक ऐसे चालान कैमरों की सहायता से किए गए जिनमें वाहन चालकों ने रैड लाइट सिग्नल जम्प या जैब्रा क्रासिंग का उल्लंघन किया था। इन दोनों जुर्मों में जुर्माना राशि 300 रुपए है। 

एक माह के भीतर चालान न भुगता तो जाना पड़ेगा कोर्ट
इस योजना की विशेष बात यह है कि चालान का भुगतान करने के लिए लोगों को एक माह का समय दिया जाएगा। अगर नियम तोडऩे वालों ने एक माह के भीतर चालान की जुर्माना राशि अदा न की तो उसका चालान कोर्ट में भेज दिया जाएगा। इसके बाद उसे कोर्ट के तरफ से सम्मन या वारंट जारी होंगे। 

जुर्माना राशि के साथ देना पड़ेगा 50 रुपए डाक खर्चा
ई-चालान के भुगतान के समय आवेदक को चालान की जुर्माना राशि अदा करने के साथ ही 50 रुपए डाक खर्चा भी साथ में अदा करना पड़ेगा। जुर्माना राशि सरकार के अलग खाते में व डाक खर्चा अलग खाते में जाएंगे। वैबसाइट पर चालान भुगतान के समय भी आवेदक को नाम, पता, ड्राइविंग लाइसैंस नंबर, मोबाइल नंबर, ओ.टी.पी. दर्ज करने के साथ ही अपने ड्राइविंग लाइसैंस की फोटो कापी भी अपलोड करनी पड़ेगी। ड्राइविंग लाइसैंस न होने पर आवेदक को उसकी जुर्माना राशि भी अदा करनी पड़ेगी। 
 

नैशनल डाटा के साथ जुड़ेगा चालान का डाटा
किसी वाहन चालक का एक बार चालान होने के बाद उसका डाटा नैशनल डाटा के साथ जुड़ जाएगा। ऐसे में अगर कोई वाहन चालक बार-बार नियमों का उल्लंघन कर रहा है तो उसकी पहचान कर उसका ड्राइविंग लाइसैंस सस्पैंड करने या प्वाइंट काटने में आसानी होगी। ऐसा केन्द्र सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग के सॉफ्टवेयर वाहन के माध्यम से होगा। 

वाहन अपने नाम करवाने में आएगी तेजी
खास बात यह कि ई-चालान वाहन के रजिस्टर्ड मालिक के पते पर जाएगा। अगर किसी ने कोई वाहन बेच दिया है और खरीददार ने उक्त वाहन को अभी तक अपने नाम पर ट्रांसफर नहीं करवाया तो चालान बेचने वाले के पते पर जाएगा। इसी प्रकार किसी का वाहन कोई मांगकर ले गया है या ड्राइवर ने चालान करवाया है तो चालान वाहन मालिक के पते पर पहुंचेगा। ऐसे में यकीनन शहर में आर.टी.ए. आफिस में भीड़ बढ़ जाएगी व लोग वाहनों को अपने नाम पर ट्रांसफर करवाना शुरू कर देंगे। 

सिर्फ ऑनलाइन डाटा वाले वाहनों के होंगे चालान!
इस योजना में कमी यह है कि ई-चालान सिर्फ उन्हीं वाहनों का किया जा सकता है जिनका डाटा ऑनलाइन है। जिन वाहनों का डाटा ऑनलाइन नहीं है उनके ई-चालान नहीं किए जा सकते क्योंकि उनका रिकार्ड ऑनलाइन न होकर आर.टी.ए. आफिस के रजिस्टरों में दर्ज है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि शहर में चलने वाले 80 फीसदी से अधिक वाहनों का डाटा ऑनलाइन उपलब्ध है तो उनकी मुहिम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। 

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