निगम ने 19,500 रुपए में नीलाम कर डाला हरा-भरा वृक्ष

Edited By Sunita sarangal,Updated: 05 Dec, 2019 04:17 PM

corporation auctioned green tree

मॉडल टाऊन के निक्कू पार्क के सामने की घटना

जालंधर(खुराना): शहर के सबसे पॉश क्षेत्र मॉडल टाऊन की मार्केट को जाने वाले मुख्य रास्ते, यानि कि निक्कू पार्क रोड पर गत दिन सफैदे के एक हरे-भरे वृक्ष को बेदर्दी से काट दिया गया। सूत्रों के मुताबिक इस वृक्ष को नगर निगम तथा वन विभाग की अनुमति लेकर काटा गया है क्योंकि यह वृक्ष वहां स्थित आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के साथ वाली बिल्डिंग के लिए खतरा बन रहा था और वृक्ष बिलडिंग की ओर झुक रहा था, जिस कारण बिल्डिंग मकान मालिकों ने निगम को वृक्ष कटवाने हेतू अर्जी दी हुई थी।

निगम ने प्रक्रिया की पालना करते हुए वन विभाग से इस वृक्ष की कीमत लगवाई और इसकी बोली लगवाने के बाद 19,500 रुपए में इसे नीलाम कर दिया। काम लेने वाले ठेकेदार ने तुरंत आरे चला कर सफेदे के बड़े वृक्ष को जड़ से काट दिया। आम लोगों तथा राहगीरों को पूरी घटना का ब्यौरा पता नहीं था, इसलिए फेसबुक के नोटिसबोर्ड पेज पर और सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों पर सारा दिन इसी वृक्ष को काटे जाने की तस्वीरों और वीडियो वायरल रहे, जिसमें निगम, वन विभाग और हरा-भरा वृक्ष काटने वालों को कई नेगेटिव कमैंट्स किए गए।
PunjabKesari, Corporation auctioned green tree
सुभाना रोड पर भी काटे गए 2 बड़े वृक्ष
ऐसी ही एक दूसरी घटना जालंधर छावनी क्षेत्र में भीम रोड पर सुभाना श्मशानघाट के निकट हुई जहां सफेदे के 2 बड़े वृक्षों को एक साथ काट दिया गया। बताया जा रहा है कि आर्मी क्षेत्र के किसी विभाग ने दोनों वृक्षों को काटा है परंतु इसके पीछे क्या उद्देश्य है, यह समझ से बाहर है क्योंकि इन वृक्षों के आसपास कई ओर बड़े-बड़े वृक्ष भी लगे हुए हैं। छावनी क्षेत्र में नूरमहल रोड पर भी कुछ समय पहले काफी हरे-भरे वृक्ष काट दिए गए थे। ऐसीं घटनाओं पर वातावरण अधिकारियों की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।

जब बड़े वृक्षों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की तकनीक है तो क्यों काटे जाते हैं हरे-भरे पेड़?
शहर में एक ही दिन में 3 बड़े-बड़े हरे-भरे वृक्षों को काटने की घटनाओं से चर्चा शुरू हो गई है कि जब बड़े-बड़े वृक्षों को शिफ्ट करने की तकनीक आसानी से उपलब्ध है तो फिर पंजाब जैसे प्रगतिशील राज्य में वृक्षों को काटा क्यों जाता है? पहले-पहले विदेशों में यह तकनीक इस्तेमाल होती थी परंतु अब तो भारत के कई राज्य बड़े-बड़े वृक्षों को दूसरी जगह ट्रांसफर करने लग पड़े हैं और इस कार्य हेतू प्राइवेट कंपनियों तक की सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस तकनीक के तहत बड़े वृक्ष की टहनियों की प्रूनिंग की जाती है और जड़ के आसपास जमी मिट्टी समेत उसे बड़ी मशीनों से उखाड़ लिया जाता है और दूसरी जगह लगा दिया जाता है। जहां वृक्ष दोबारा हरा-भरा हो जाता है।
PunjabKesari, Corporation auctioned green tree
ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए जरूरी है यह तकनीक
केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी और अन्य योजनाओं हेतू पैसा देने के लिए शर्त लगा रखी है कि राज्यों व शहरों के पास 15 प्रतिशत ग्रीन कवर एरिया होना चाहिए तभी उसे कल्याण योजनाओं का लाभ मिलेगा। जालंधर निगम के मुताबिक इसका ग्रीन कवर एरिया 15 प्रतिशत से काफी कम है और इसके आधे तक भी नहीं पहुंचा है। इसके बावजूद पुराने हरे-भरे वृक्षों को काट देने से और नुक्सान झेलने पड़ रहे हैं।

हैदराबाद का एक व्यक्ति ही शिफट कर चुका है 5000 वृक्ष
पंजाब सरकार के पास तो अरबों-खरबों का बजट है जिसके चलते वृक्षों को काटने की बजाय दूसरी जगह ट्रांसफर करने पर हजारों-लाखों रुपए आसानी से खर्च किए जा सकते हैं परंतु हैदराबाद के एक निवासी रामाचन्द्रा अप्पारी ने अपने दम पर अब तक करीब 5000 बड़े वृक्षों को दूसरी जगह पुनः लगा कर दिखाया है। रामाचन्द्रा ग्रीन मार्निंग नाम से कंपनी चलाते हैं और सदियों पुरानी तकनीक का प्रयोग करते हैं जो 2000 बी.सी. में मिस्र में प्रचलित थी।
PunjabKesari, Corporation auctioned green tree
रामाचन्द्रा बताते हैं कि 2009 में जब हैदराबाद-विजयवाड़ा हाईवे के निर्माण के दौरान सड़कें चौड़ी करने के लिए भारी संख्या में वृक्षों की बलि दी गई तो उनके मन में वृक्षों को दूसरी जगह शिफ्ट करने का ख्याल आया जिसकी रिर्सच दौरान उन्होंने आस्ट्रेलिया में प्रयुक्त होती तकनीक का अध्ययन किया। उसके बाद हैदराबाद मैट्रो रेल प्रोजैक्ट दौरान उन्होंने 800 के करीब वृक्षों को इस तकनीक से बचा लिया और अब यही तकनीक बेंगलुरु, विशाखापटनम व दिल्ली इत्यादि में भी बरती जा रही है।

मात्र 6000 से शुरू होती है लागत
रामाचन्द्रा बताते हैं कि यदि शिफ्ट होने वाले वृक्षों की संख्या ज्यादा हो तो सिर्फ 6 हजार में भी एक वृक्ष को शिफ्ट किया जा सकता है परंतु उन्होंने एक सिंगल आर्डर के तहत इस काम के लिए 1.50 लाख रुपए तक वसूला हुआ है। उनके मुताबिक 80 प्रतिशत वृक्ष दोबारा हरे-भरे हो जाते हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!