Edited By Urmila,Updated: 21 Jun, 2024 11:05 AM
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महानगर में मारपीट के मामलों में एक पक्ष को घायल कर विरोधी पक्ष कुछ दलालों के साथ सांठ-गांठ कर अपने शरीर पर हल्की चोटें लगाकर खुद सिविल अस्पताल में एम.एल.आर. (मेडिको-लीगल रिपोर्ट) कटवाने आ जाते हैं।
जालंधर : महानगर में मारपीट के मामलों में एक पक्ष को घायल कर विरोधी पक्ष कुछ दलालों के साथ सांठ-गांठ कर अपने शरीर पर हल्की चोटें लगाकर खुद सिविल अस्पताल में एम.एल.आर. (मेडिको-लीगल रिपोर्ट) कटवाने आ जाते हैं, ताकि वह अपने विरोधी पक्ष को फंसाकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर उन्हें डरा सके। लगातार बढ़ रहे ऐसे मामलों में सिविल अस्पताल के कुछ ईमानदार डाक्टरों ने स्टैंड लिया है।
इतना ही नहीं उन्होंने ऐसे मरीजों की एम.एल.आर. में यहां तक लिखा कि चोटें संदिग्ध है और संबंधित थाना स्तर की पुलिस को इसकी गहराई से जांच करनी चाहिए। इस बात को गंभीरता से लेते हुए सिविल अस्पताल की मैडिकल सुपरिंटैंडैंट (एम.एस.) डा. गीता ने इमरजैंसी वार्ड में रोस्टर के मुताबिक ड्यूटी करने वाले डाक्टरों से अहम मीटिंग की।
मीटिग में सीनियर मैडिकल आफिसर डा. वरिंदर कौर थिंद, डा. सतिंद्र बजाज, डा. परमजीत सिंह, डा. सुरजीत सिंह तथा इमरजैंसी विभाग की इंचार्ज डा. हरवीन कौर मौजूद थे। मीटिंग में डा. गीता ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि सिविल अस्पताल के डाक्टर बढ़िया तरीके से ड्यूटी करते हैं और इमरजैंसी वार्ड में घायल लोगों की एम.एल.आर. जरूर काटें लेकिन पहले देखें कि चोटें सही है या नहीं।
यदि ड्यूटी पर तैनात डाक्टर को लगे कि चोटें खुद लगवाई जा सकती हैं, उदाहरण के तौर पर किसी व्यक्ति पर तेजधार हथियार से हमला हुआ तो उसके शरीर में गहरा घाव होगा, लेकिन कुछ लोग सर्जीकल ब्लैड से हल्का घाव कर आ जाते है। ऐसे लोगों के खिलाफ डाक्टर लिखे कि चोटें संदिग्ध हैं। इसके इलावा जिन लोगों के शरीर में चोट का निशान नहीं है उसे संबंधित थाने से पुलिस डॉकेट नंबर लाने को कहा जाए।
डा. गीता ने बताया कि इसके अलावा डाक्टरों को आदेश जारी किए गए कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को बढ़िया सेहत सुविधा मिले? इसके लिए ऑनकाल स्पैशलिस्ट डाक्टर जिसकी ड्यूटी है उसे तुरंत इमरजैंसी वार्ड में बुलाया जाए। इसके लिए बकायदा एक रजिस्ट्रर लगाया जा चुका है स्पैशलिस्ट डा. अस्पताल आकर वहां टाइम तथा साइन तक करेगा।
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खुद चोट लगवाने वाले के खिलाफ पुलिस भी कर सकती है कानूनी कार्रवाई : एस.एच.ओ. हरदेव सिंह
यदि कोई व्यक्ति साजिश करके खुद चोट लगाकर एम.एल.आर. कटवाता है तो जांच अधिकारी सिविल सर्जन दफ्तर से डाक्टरों का मैडिकल बोर्ड का गठन करवाता है। इसके बाद उक्त बोर्ड सलाह देता है उनके मुताबिक पुलिस खुद चोट लगावाने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है। बहुत केसों में पुलिस ने ऐसा किया भी है। उक्त जानकारी देते हुए सिविल अस्पताल के सामने बने थाना 4 के एस.एच.ओं हरदेव सिंह ने कहा कि वह लोगों से अपील करते है कि गलत काम न करे और न ही खुद चोटे लगवाए। पुलिस कमिश्नर के आदेशों के तहत पुलिस जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी सामने ला सकती है। इसके अलावा हाल में ही सिविल अस्पताल के 108 एम्बुलैंस में तैनात ई.एम.टी द्वारा किसी को ब्लेड से चोटे लगाने के मामले में पुलिस ने ई.एम.टी को केस में नामजद भी किया था, खुद मर्जी से चोटे लगवाने वाले के साथ चोटें लगाने वाला भी गुनहगार है।
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