Edited By Bhupinder Ratta,Updated: 28 Feb, 2020 10:31 AM
जनवरी महीने में गर्भावस्था, प्रसूति या प्रसूति के 42 दिन के भीतर हुई महिलाओं की मौत के कारणों की समीक्षा करते हुए वीरवार को सिविल सर्जन कार्यालय में मैटरनल डैथ्स रिव्यू कमेटी की बैठक हुई।
जालंधर(रत्ता): जनवरी महीने में गर्भावस्था, प्रसूति या प्रसूति के 42 दिन के भीतर हुई महिलाओं की मौत के कारणों की समीक्षा करते हुए वीरवार को सिविल सर्जन कार्यालय में मैटरनल डैथ्स रिव्यू कमेटी की बैठक हुई।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए सिविल सर्जन डा. गुरिंद्र कौर चावला ने कहा कि बैठक का उद्देश्य मौत के कारणों की समीक्षा करके भविष्य में उन्हें रोकना व मातृ मृत्यु दर को कम करना है। उन्होंने कहा कि हर एक गर्भवती का शत-प्रतिशत एंटीनेटल चैकअप सुनिश्चित किया जाए तथा सिजेरियन केस को 5 से 7 दिन तथा नॉर्मल डिलीवरी वाले केस को 3 दिन तक अस्पताल में दाखिल रखा जाए? बैठक में जिला परिवार कल्याण अधिकारी डा. सुरिंद्र कुमार, एस.एम.ओ. डा. कुलविंद्र कौर, डा. एस.एस. नागल, डा. कुलदीप सिंह, डा. जगविंद्र पाल कौर, डा. गुरजीत कौर, डा. महिंद्र जीत सिंह भी उपस्थित थे।
उधर, सिविल सर्जन डा. चावला ने कोरोना वायरस को लेकर सिविल अस्पताल के मैडीकल ऑफिसर्ज व इंडियन मैडीकल एसोसिएशन (आई.एम.ए.) जालंधर के पदाधिकारियों से बैठक की। बैठक के दौरान डा. चावला ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर सभी को सचेत रहने की जरूरत है तथा कोई भी संदिग्ध रोगी मिलते ही तुरंत विभाग को सूचित किया जाए।