हरियाणा में ड्रोन से रखी जाएगी फसलों की बीमारियों पर नजर

Edited By ashwani,Updated: 12 Jun, 2025 11:03 PM

in haryana crops will be monitored for diseases using drones

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सर्विसेज ऑफ हरियाणा लिमिटेड के बोर्ड और डायरैक्टर्स की बैठक  फसलों में बीमारियों की पहचान के लिए ड्रोन आधारित पायलट प्रोजैक्ट तैयार करें: सैनी  पायलट चरण में आलू, चना, कपास, धान और...

चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में वीरवार को यहां ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सर्विसेज ऑफ हरियाणा लिमिटेड (दृश्या) के बोर्ड ऑफ डायरैक्टर्स की बैठक आयोजित हुई, जिसमें प्रदेश में ड्रोन तकनीक के विविध उपयोगों को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि फसल स्वास्थ्य की निगरानी और बीमारियों की पहचान के लिए पायलट प्रोजैक्ट के रूप में ड्रोन का उपयोग किया जाए। इससे किसानों को समय पर जानकारी उपलब्ध करवाकर फसल हानि को रोकने में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि पायलट चरण में आलू, चना, कपास, धान और सब्जियों जैसी फसलों को शामिल किया जाए, जिनमें सामान्यत: बीमारियों की संभावना अधिक होती है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों की पैदावार में सुधार होगा और फसलों के नुक्सान में कमी आएगी। 


एक तिमाही में 500 महिलाओं को प्रशिक्षण देने की कार्ययोजना तैयार करें 
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि 'ड्रोन दीदी योजना' के तहत प्रदेश में 5,000 महिलाओं को ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने दृश्या के अधिकारियों को अगली एक तिमाही में लगभग 500 महिलाओं को प्रशिक्षण देने की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। यह पहल महिलाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाकर उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान करेगी।

 
प्राकृतिक खेती को मिलेगा प्रोत्साहन
 मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ड्रोन तकनीक का उपयोग प्राकृतिक खेती, विशेष रूप से जीवामृत के छिड़काव के लिए किया जाए। इसके लिए किसानों को भी आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जाए, ताकि वे आधुनिक तकनीक के साथ-साथ पर्यावरण अनुकूल खेती की ओर अग्रसर हो सकें। दृश्या के सी.ई.ओ. फूल कुमार ने बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि दृश्या द्वारा एच.टी. पावर लाइन निरीक्षण, लार्ज स्केल मैपिंग, आपदा प्रबंधन, यातायात प्रबंधन निगरानी, अवैध खनन निगरानी और फसल स्वास्थ्य निगरानी आदि जैसी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। लार्ज स्केल मैपिंग प्रोजैक्ट के तहत 6100 स्क्वायर किलोमीटर से अधिक एरिया को कवर किया जा चुका है। अब तक 21 एच.टी. पावर लाइनों के 680 किलोमीटर क्षेत्र का सफल निरीक्षण किया गया है और समय रहते कई तकनीकी खामियों की पहचान कर उन्हें दूर किया गया है। किसानों के लिए चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत अब तक 135 किसानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। 


रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठन में 243 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण दिया 
बैठक में बताया गया कि यू.ए.वी. उड़ान प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए करनाल में रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठन (आर.पी.टी.ओ.) में लगभग 243 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। राजस्व विभाग के अलावा शहरी स्थानीय निकाय, बिजली, आपदा प्रबंधन, खनन, वन, यातायात, नगर एवं ग्राम नियोजन तथा कृषि जैसे अन्य विभागों में भी ड्रोन का उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है। इससे शहरी क्षेत्रों में मैपिंग, भूमि रिकॉर्ड, आपदा प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं तथा विकास योजनाओं में सहायता मिल रही है। उन्होंने भविष्य की कार्य योजना साझा करते हुए बताया कि विभिन्न विभागों की आवश्यकताओं के अनुसार ड्रोन का उपयोग कर अवैध खनन, आपदा प्रबंधन, यातायात निगरानी और अनधिकृत निर्माण की पहचान जैसे क्षेत्रों में काम को विस्तार देने की दृश्या की योजना है।  

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