Edited By swetha,Updated: 12 Feb, 2020 11:31 AM
दिल्ली में जीत कारण ‘आप’ के हक में शुरू हुई मजबूत राजनीतिक लहर का प्रभाव पंजाब की राजनीति पर पड़ने की संभावना बननी शुरू हो गई है।
गुरदासपुर (हरमन): दिल्ली में जीत कारण ‘आप’ के हक में शुरू हुई मजबूत राजनीतिक लहर का प्रभाव पंजाब की राजनीति पर पड़ने की संभावना बननी शुरू हो गई है। राजनीतिक माहिर दावा कर रहे थे कि इस पार्टी के चुनावी नतीजे पंजाब की राजनीति में बड़े स्तर पर हलचल पैदा करेंगे। ऐसी स्थिति में आज जब ‘आप’ ने दिल्ली में एकतरफा जीत का झंडा बुलंद किया है तो राजनीतिक विशेषज्ञों ने फिर से दावा करना शुरू कर दिया है कि रेत, नशे और किसानी के साथ जुड़े मुद्दों के आधार पर ‘आप’ पंजाब की राजनीति में सक्रिय हो सकती है। केजरीवाल इन मुद्दों को आधार बना कर राज्य में मिशन-2022 शुरू कर सकते हैं।
शुरू से हावी रहे ये मुद्दे
पंजाब में नशा, रेत और किसानी के साथ जुड़े मुद्दे शुरू से हावी रहे हैं। जब 2017 तक अकाली-भाजपा गठबंधन सत्ता में था तो 2014 दौरान हुए लोकसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल ने मुख्य तौर पर यही 3 मुद्दे उठा कर राज्य में 4 लोकसभा सीटें जीत कर इतिहास रचा था। उसके बाद 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने भी इन मुद्दों को उठाने के साथ-साथ बेअदबियों के मुद्दे उठाए जो कि सरकार खिलाफ असरदार साबित हुए। विशेषज्ञों का मानना है कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने किसानों के कर्ज माफ करने, नशों का खात्मा करने और अवैध माइङ्क्षनग को खत्म करने पर जोर दिया था।