Edited By Vatika,Updated: 13 Jun, 2019 11:59 AM
लोकसभा चुनाव में सुखबीर बादल की भारी जीत के बाद उनकी तरफ से विधायक पद से इस्तीफा देने उपरांत जलालाबाद हलका की सीट खाली होने कारण कांग्रेस के कई दावेदार सामने आए हैं जिनमें हंसराज जोसन, मा. मदन सिंह काठगढ़, राजबख्श कम्बोज, मलकीत सिंह हीरा और गोल्डी...
जलालाबाद (बंटी): लोकसभा चुनाव में सुखबीर बादल की भारी जीत के बाद उनकी तरफ से विधायक पद से इस्तीफा देने उपरांत जलालाबाद हलका की सीट खाली होने कारण कांग्रेस के कई दावेदार सामने आए हैं जिनमें हंसराज जोसन, मा. मदन सिंह काठगढ़, राजबख्श कम्बोज, मलकीत सिंह हीरा और गोल्डी कम्बोज प्रमुख हैं।
हंसराज जोसन इस हलके की 2 बार नुमाइंदगी कर चुके हैं और वन मंत्री भी रह चुके हैं। उनका इलाके में अच्छा प्रभाव है। वह कम्बोज भाईचारे से संबंध रखते हैं।
अगर राजबख्श कम्बोज की बात करें तो उनकी जोसन परिवार के साथ नजदीकी रिश्तेदारी होने के बावजूद छत्तीस का आंकड़ा है। राजबख्श भी उप-चुनाव के लिए दावेदारी जता रहे हैं। राजबख्श लम्बे समय से पार्टी की सेवा कर रहे हैं व हलके में अच्छा रसूख रखते हैं। एडवोकेट गोल्डी कम्बोज यूथ कांग्रेस के सैक्रेटरी हैं जो नौजवानों में अपना अच्छा रसूख रखते हैं। उनके पिता सुरिन्दर कम्बोज भी विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। वह यूथ नेता होने के नाते दावेदारी पेश कर रहे हैं। चौथे दावेदार मलकीत सिंह हीरा पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं जो राय सिख बिरादरी से संबंध रखते हैं।
उन्होंने भी उप-चुनाव के लिए कमर कस रखी है। वह लोगों की मुश्किलें सुन रहे हैं व अपनी दावेदारी पक्की कर रहे हैं। 5वें दावेदार प्रसिद्ध समाजसेवी मास्टर मदन सिंह काठगढ़ हैं जो राय सिख समाज से संबंध रखते हैं जो इलाके में अच्छे अक्स और नए चेहरे के तौर पर देखे जा रहे हैं। उनका इलाके की सभी बिरादरियों में मान-सम्मान है। उन्हें कर्मचारी वर्ग का भी अच्छा समर्थन मिल सकता है। वह सभी धड़ों के सांझे उम्मीदवार भी हो सकते हैं। यहां बताने योग्य है कि हर बार जलालाबाद में कांग्रेसी वर्करों की आपसी खींचतान कांग्रेस को ले बैठती है। जरूरत है समय रहते आखिरी फैसला लेने की कि कौन सा दावेदार यहां से सीट जीतकर हाईकमान की झोली में डाल सकता है।