क्या ऐसे वायु प्रदूषण मुक्त होगा जालंधर शहर! बंद होने के कगार पर इकलौता CNG पंप

Edited By Suraj Thakur,Updated: 10 Oct, 2019 08:57 PM

will the city of jalandhar be free of such air pollution

3 जनवरी 2018 को केंद्र सरकार ने पंजाब को सीएनजी आपूर्ति करने वाले राज्यों की सूची में शामिल कर दिया था।

जालंधर। शहर की आबोहवा को शुद्ध रखने के लिए चल रहे करीब दो हजार (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) सीएनजी ऑटो रिक्शा मालिकों की रोजी रोटी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को अमल में लाने के लिए  2018 में डीजल और पेट्रोल ऑटो रिक्शा से निजात पाने के लिए इन्हें (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) सीएनजी में कनवर्ट करने की योजना पर प्रशासन ने कार्य शुरू किया था। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत आनन-फानन में करीब 2000 ऑटो मालिकों को इसके लिए राजी तो कर लिया गया लेकिन एक साल में ही इस योजना की सांसें फूल गई, अब हालात ऐसे हैं कि शहर के इकलौता सीएनजी पंप बंद होने के कगार पर है, और गैस समय पर नहीं मिलने के कारण ऑटो रिक्शा चौक चौराहों पर खड़े रहते हैं। ऑटो चालकों को कहना है कि कई बार सीएनजी 5-5 दिन नहीं आती है। ऐसे में ऑटो चालक घर में ही बैठे रहते हैं। गैस भरवाने के लिए जाएं तो 2 से 3 घंटे लग जाते हैं। उनका आरोप है कि पंप मालिक और उनके कर्मचारी रसीद तक नहीं देते हैं। PunjabKesari

ऐसे शुरू हुआ था विवाद
3 जनवरी 2018 को केंद्र सरकार ने पंजाब को सीएनजी आपूर्ति करने वाले राज्यों की सूची में शामिल कर दिया था। लाइसेंस की मंजूरी के बाद जय मधोक एनर्जी ने जालंधर में सीएनजी पंप शुरू किया। पंप के ऑपरेशनल होने के बाद से ही सीएनजी ऑटो मालिकों और कंपनी के बीच गैस के दामों को लेकर विवाद रहा है। ऑटो मालिकों का आरोप है कि जब ऑटो खरीदे थे तब रेट 54 रुपए प्रति किलो था, लेकिन अब रेट 90 रुपए हो गया है। यही नहीं पंजाब के अन्य हिस्सों में अब यह रेट 65 रुपए प्रति किलो है। इस बाबत ऑटो चालक यूनियन कई बार कंपनी की शिकायत प्रशासन को भी कर चुकी है। इसी विवाद के बीच इसी साल 11 अगस्त को तो कंपनी ने पंप पर सीएनजी की सप्लाई पूरी तरह से ही बंद कर दी। जिसके बाद इसे दोबारा शुरू किया गया। इस कारण ऑटो मालिकों की परेशानी और ज्यादा बढ़ गई।PunjabKesari

इसलिए महंगी हुई सीएनजी की सप्लाई
सीएनजी सप्लाई मुहैया करवा रही कंपनी जय मधोक एनर्जी के अधिकारियों का तर्क है कि उन्हें सस्ते में गैस नहीं मिल रही है और दो साल में उसे पांच करोड़ का घाटा हो चुका है। कंपनी का यह भी कहना है कि अगर एडमिनिस्ट्रेटिव प्राइस मैनेजमेंट (एपीएम) के तहत सस्ते मूल्य पर सीएनजी उपलब्ध नहीं करवाई गई तो घाटा खा चुकी कंपनी जालंधर में गैस वितरण पूरी तरह बंद कर देगी। ऐसे हालात में सीएनजी ऑटो रिक्शा मालिकों ने दोबारा डीजल पैट्रोल के ऑटो रिक्शा किराए पर लेकर अपना जीवन-यापन शुरू कर दिया है। हालांकि इस मसले को लेकर कंपनी की एक जिला प्रशासन के साथ बैठक भी होनी है। जय मधोक एनर्जी प्राइवेट लि. को 2013 में जालंधर में सीएनजी और घरों में पाइप के जरिये खाना पकाने की गैस उपलब्ध कराने का लाइसेंस मिला था। कंपनी को 2015 में लुधियाना के लिये गैस वितरण अधिकार भी मिला है। जबकि यह प्रोजेक्ट अभी पाइप लाइन में ही है। 

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प्रशासन ने डीजल ऑटो मालिकों को दिखाए थे सपने
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद डीजल ऑटो मालिक इस बात पर अड़े हुए थे कि शहर में पहले सीएनजी पंप स्थापित किए जाएं। उसके बाद ही वे डीजल ऑटो को सीएनजी में कनवर्ट करेंगे। इस पर उन्हें फरवरी 2018 को हुई एक बैठक में स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि शहर में 7 पेट्रोल पंपो को सीएनजी पंप में कन्वर्ट किया जाएगा। उन्हें यह भी जानकारी दी गई थी कि दो पंपों के लिए पुडा ने अर्बन एस्टेट फेस-2 व 120 फुटी रोड पर पुडा की जमीनों की नीलामी कर दी है। डीजल ऑटो को सीएनजी में कन्वर्ट करने के लिए उनके मालिकों को प्रोजेक्ट से लोन देने का भी प्रावधान कर दिया गया। पेट्रोल के दाम महंगे होने के चलते ऑटो मालिकों ने प्रशासन की सलाह मान ली थी और शहर में 2000 के करीब सीएनजी ऑटो भी दौड़ने लग गए थे। PunjabKesari

 

 

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